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मध्यप्रदेश के सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के लिए खबर, इस महीने से होंगे ट्रांसफर: तबादला नीति जल्द जारी होगी

मध्यप्रदेश में पिछले दो साल से ट्रांसफर पर बैन लगा हुआ है ऐसे में बहुत से सरकारी अधिकारी और कर्मचारी लंबे समय से ट्रांसफर पर से बैन हटने का इंतजार कर रहे हैं।




6 जनवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होने के बाद कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, एसडीएम तहसीलदार सहित 65 हजार कर्मचारियों के तबादले पर लगा प्रतिबंध हट जाएगा।


सीएम मोहन यादव ने मंत्रियों को आश्वासन दिया है कि तबादला नीति जल्द जारी होगी..जनवरी में जमावट की जाएगी, जिसमें अधिकारियों को प्राथमिकता दी जाएगी। मंत्रालय स्तर पर भी बदलाव किए जाएंगे।


MP -भोपाल | मध्यप्रदेश में पिछले दो साल से ट्रांसफर पर बैन लगा हुआ है ऐसे में बहुत से सरकारी अधिकारी और कर्मचारी लंबे समय से ट्रांसफर पर से बैन हटने के इंतजार में हैं। सत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तबादलों से प्रतिबंध मार्च के महीने में ही हटेगा। हालांकि कलेक्टर और कमिश्नर सहित अन्य अधिकारियों के ट्रांसफर जनवरी में होंगे।


कलेक्टर-एसडीएम के तबादले होंगे


जानकारी के अनुसार,अब ट्रांसफरों से प्रतिबंध मार्च के महीने में हटेगा। कलेक्टर-कमिश्नर सहित अन्य अफसरों के तबादले जनवरी माह में होंगे। 6 जनवरी (सोमवार) को वोटर्स लिस्ट का आखिरी प्रकाशन के बाद कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार सहित 65 हजार कर्मचारियों के ट्रांसफर पर लगा बैन हटेगा।


मिली जानकारी के मुताबिक सीएम मोहन यादव ने अनौपचारिक कैबिनेट में मंत्रियों से ये बात कही है।बताया जा रहा है कि 6 जनवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होने के बाद कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, एसडीएम तहसीलदार सहित 65 हजार कर्मचारियों के तबादले पर लगा प्रतिबंध हट जाएगा। बता दें कि साल 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने ट्रांसफर पर लगा बैन नहीं हटाया था... और तब से अब तक ट्रांसफर केवल सीएम के माध्यम से ही हो रहे हैं। लगातार मंत्री और जनप्रतिनिधि ट्रांसफर से बैन हटाने की मांग कर रहे थे।


मंत्री मंडल से जानकारी निकल कर सामने आई है कि मार्च के महीने में ही अब तबादलों से बैन हट सकता है और तब ही अधिकारी-कर्मचारियों के ट्रांसफर होंगे। सीमित समय और संख्या में ही इस दौरान ट्रांसफर होने की बात भी सामने आई है। ट्रांसफर करने के अधिकारों की बात की जाए तो प्रभारी मंत्री को प्रभार वाले जिले में ट्रांसफर का पूरा अधिकार होगा।