फायनेंस कराने के नाम पर फर्जीवाड़ा कर भोले-भाले अनपढ़ लोगों को अपना शिकार बनाने वाला गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा।
MP- जबलपुर | जबलपुर में दोपहिया वाहन व मोबाइल फायनेंस कराने के नाम पर फर्जीवाड़ा कर भोले-भाले अनपढ़ लोगों को अपना शिकार बनाने वाला गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा। पुलिस ने गिरोह के सरगना उड़िया मोहल्ला निवासी गुलफाम उर्फ गुल्लू, घमापुर चुंगी चौकी निवासी फायनेंस कंपनी कर्मी आशुतोष झा, मो. हैदर उर्फ ईशू एवं एहफाज को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से बीस लाख कीमत के 11 वाहन बरामद किए हैं। इस संबंध में ओमती टीआई वीरेंद्र सिंह पवार ने बताया कि ओमती कबाड़ी मोहल्ला निवासी हामिद अली ने शिकायत देकर बताया था कि वह चाय की दुकान में काम करता है। उसने एक दोपहिया वाहन फायनेंस कराने के लिए गुलफाम से संपर्क किया, जिसके बाद उसने दस्तावेज व डाउन पेमेंट जमा करने 20 हजार रुपये गुलफाम को दिए थे। वाहन फायनेंस कराने के लिए गुलफाम ने उसका आधार कार्ड व पैनकार्ड बनवाया और बैंक खाता खुलवाने के लिए फॉर्म पर अँगूठा लगवाया था। इसके बाद वाहन शोरूम ले गया, वहाँ पर एहफाज नामक युवक ने कुछ कागजों में उसका अँगूठा लगवाया था। कुछ दिन बाद गुलफाम ने उससे कहा कि लोन पास नहीं हो रहा है। कुछ दिन पहले फायनेंस कंपनी के लोग हामिद के पास पहुँचे थे। उसके नाम पर दो वाहन व एक मोबाइल फायनेंस कराए जाने की जानकारी लगने पर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था।
7 बुलेट सहित 11 वाहन कराए फायनेंस
इस मामले में पुलिस ने गुलफाम और एहफाज को पकड़कर पूछताछ की तो पता चला कि दोनों ने फायनेंस कंपनी के कर्मचारी आशुतोष झा के साथ मिलीभगत कर 7 बुलेट सहित 11 दोपहिया वाहन अलग- अलग नामों से फायनेंस कराकर दूसरों को सस्ते दाम पर बेचे थे।
हैदर खुलवाता था बैंक खाता
पूछताछ में पता चला कि गिरोह के सभी 4 सदस्यों का काम तय था। ग्राहकों को फँसाने का काम गुलफाम करता था। वहीं उनका साथी हैदर बैंक खाता खुलवाने, पैनकार्ड बनवाने का काम करता था। आशुतोष उन दस्ताबेजों के आधार पर अपनी कंपनी से वाहन फायनेंस करवाता था और एहफाज फायनेंस कराए गये वाहनों को बेचने के लिए ग्राहक तलाश कर लाता था। उनके गिरोह में कुछ और लोग शामिल हैं, जिनकी पुलिस को तलाश है।