कार्यक्रम जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद द्वारा आयोजित किये गये..इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग से 5 करोड़ 25 लाख 687 रुपये की मांग की गयी थी।
इसके भुगतान संबंधी फाइल से नोटशीट गायब हो गई थी, जिस पर अब मामले की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है. दरअसल, साल 2023 का गणतंत्र दिवस एवं भारत पर्व का राज्य स्तरीय कार्यक्रम जबलपुर में आयोजित किया गया था. ये कार्यक्रम जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद द्वारा आयोजित हुए थे।
MP-जबलपुर|मशहूर बॉलीवुड प्लेबैक सिंगर सोनू निगम और शान के कार्यक्रम की बिल फाइल जबलपुर के सरकारी दफ्तर से गायब हो गई है। इन दोनों गायकों के अलावा 25 और 26 जनवरी को आयुर्वेद कॉलेज और गैरीसन ग्राउंड सदर में हुए अन्य कार्यक्रमों का बिल करीब 5 करोड़ था। उनकी पेमेंट फाइल से नोटशीट गायब हो गई। जिसके आधार पर अब पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
दरअसल, साल 2023 के गणतंत्र दिवस और भारत पर्व का राज्य स्तरीय कार्यक्रम जबलपुर में आयोजित किया गया था। ये कार्यक्रम जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद द्वारा आयोजित किये गये थे। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग से 5 करोड़ 25 लाख 687 रुपये की मांग की गयी थी। शासन से दो किस्तों में कुल 4 करोड़ 60 लाख 47 हजार रुपये मिले।
इसके अलावा 65 लाख 36 हजार 687 रुपए की अतिरिक्त मांग की गई, लेकिन 16 अक्टूबर को जब इस संबंध में नोटशीट कलेक्टर कार्यालय स्थित अधीक्षक कार्यालय पहुंची तो मूल नोटशीट गायब थी। इस मामले में कलेक्टर द्वारा गठित जांच समिति की अनुशंसा पर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
बताया जाता है कि इस मामले में कार्यालय अधीक्षक पर संदेह जताया जा रहा है। मामले में बड़ी वजह सामने आई है। बताया जा रहा है, कि एक विशेष तिथि पर, अधीक्षक ने कहा कि वह छुट्टी पर था, जबकि रजिस्टर में उनके उपस्थिति हस्ताक्षर दर्ज थे। जिस पर बाद में व्हाइटनर लगा गया था। इससे उस अधीक्षक पर शक गहरा गया। जांच कमेटी ने यह भी अनुमान लगाया है कि किसी साजिश के तहत जानबूझकर नोटशीट गायब की गयी है। संबंधित कर्मचारियों से लिए गए बयानों में भी काफी अंतर देखा गया।
जानकारों का कहना है कि गायब हुई नोटशीट काफी महत्वपूर्ण है। पता चला है कि गायब नोटशीट में मेसर्स एक्सेलेंसी एंटरटेनमेंट भोपाल को अग्रिम राशि और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बाद पूर्ण भुगतान की जानकारी है। इसमें पेट्रोल-डीजल के बिल, टेंट के बिल, स्मृति चिह्न आदि भी हैं।
कहा जा रहा है, कि बिल से जुड़ी फाइलों में अनियमितताएं हो सकती हैं, जो इसके गायब होने का कारण बन गया। इस संबंध में ओमती टीआई वीरेंद्र सिंह पवार का कहना है कि इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है और जांच पूरी होने के बाद ही कोई नतीजा सामने आएगा।