प्रधान आरक्षक ने की आत्महत्या की कोशिश, सुसाइड करने से पहले वीडियो बनाकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप
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मध्यप्रदेश - कटनी |बड़े पद पर स्थित पुलिस अधिकारियों की तानाशाही किसी से छुपी नहीं है,निचले स्तर पर काम कर रहे सिपाही हवलदार किस तरह से अपनी ड्यूटी को अंजाम देते है,ये उनसे बेहतर भला कौन जान सकता है, 12 घंटे की ड्यूटी के दौरान यदी 14 घंटे भी हो जाये तो भी आरक्षक पीछे नहीं हटता, उपर से साहब की डांट डपट तो दूर की बात है,शिकायत करें भी तो किससे आखिर नौकरी का सवाल है,किसी तरह से कट जाये बस कट जाये थोड़ा और समय बचा है बस निकल जाये में परेशान निचले स्तर का सिपाही हवलदार बड़े स्तर के अधिकारियों की डांट डपट से दुखी पूरी ईमानदारी से अपने फर्ज को अंजाम देता है।सवाल ये भी है की शिकायत करने से होगा क्या, उल्टा और परेशानी बढ़ जायेगी यही सोचकर बेचारा वह अपने भीतर दबाये दुख परेशानियों को पीता रहता है।वह चाहकर भी अपना दर्द किसी से बयां नहीं करता, लेकिन जब दर्द हद से ज्यादा बढ़ जाये तो वो छलक ही जाता है,यैसा ही एक दर्द प्रधान आरक्षक का अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज केडिया की वजह से छलका है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज केडिया द्वारा प्रताड़ित किए जाने से परेशान एक प्रधान आरक्षक ने देर रात जहरीले पदार्थ का सेवन करके आत्महत्या कर लेने का प्रयास किया, प्रधान आरक्षक को तुरंत ही जिले के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया कराया गया है जहां पर उसका इलाज जारी है। प्रधान आरक्षक की हालत पहले से बेहतर बताई जा रही है।
पीड़ित प्रधान आरक्षक अरविंद कुमार मरावी पिछले कई दिनों से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज खेड़िया के बंगले में ड्यूटी पर लगाए गए थे। कल देर रात उन्होंने जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया, जिसे तत्काल इलाज के लिए निजी हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया। प्रधान आरक्षक का एक सुसाइड वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उसने खुद अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर बांग्ला ड्यूटी के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। प्रधान आरक्षक द्वारा उठाए गए इस आत्मघाती कदम को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज केडिया कुछ भी कहने से बच रहे है।
पुलिस विभाग में काम का दबाव किसी से छिपा नहीं है बेहद कठिन माने जाने वाली पुलिस सेवा अक्सर कर्मचारियों के लिए मानसिक परेशानी का कारण बन जाती है, जिसके चलते ही कई बार इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं। कर्मचारियों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए विभाग को निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।