सरकार ने प्रदेश के 1.84 लाख संविदा कर्मचारियों के लिए वेतन का नया फार्मूला बना लिया है। इसके अनुसार इन कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों को मिलने वाले सातवें वेतन के न्यूनतम का 90 फीसदी वेतन मिलेगा।
MP - भोपाल | मध्यप्रदेश में अब संविदाकर्मियों को नियमित पद के समकक्ष वेतनमान मिलेगा, प्रदेश के ढाई लाख संविदा कर्मचारियों को सौ प्रतिशत वेतन देने के लिए पदों की समकक्षता का निर्धारण अब हो गया है।ढाई घंटे चली बैठक में सभी विभागों के प्रस्तावों पर विचार कर समकक्षता तय करते हुए वित्त विभाग से कहा गया है कि वो अब सभी विभागों को वेतन निर्धारण के लिए आदेश जारी करे। सभी कर्मचारियों को वेतन सुरक्षा दी जाएगी यानी किसी भी कर्मचारी को वर्तमान में जो वेतन प्राप्त हो रहा है, उससे कम नहीं मिलेगा। सातवां वेतनमान में जो ग्रेड पे निर्धारित की गई है, उसके अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के हिसाब से महंगाई राशि में वृद्धि होगी।
सातवां वेतनमान में जो ग्रेड पे निर्धारित की गई है, उसके अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के हिसाब से महंगाई राशि में वृद्धि होगी। मंत्रालय में बुधवार को मुख्य सचिव ने संविदा कर्मचारियों की नियमित पदों के अनुसार समकक्षता निर्धारित करने के लिए अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके पहले वित्त विभाग ने बैठक कर विभागीय प्रस्तावों पर चर्चा की। मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि संविदा कर्मचारियों के लिए वेतन सुरक्षा की व्यवस्था लागू की जाए। इससे किसी भी कर्मचारी को वर्तमान में प्राप्त हो रहे वेतन से कम वेतन नहीं मिलेगा।
ऐसे पद, जो शासन में नहीं है, उनके लिए शैक्षणिक अर्हता और आवश्यकता के आधार पर अन्य पदों के बराबर समकक्षता निर्धारित की जाएगी। दरअसल, कुछ पद ऐसे हैं जो असंवर्गीय हैं। इनका वेतन तो निर्धारित था लेकिन संवर्गीय पद में किसके बराबर समकक्षता होगी, यह तय नहीं हो पा रहा था। इसकी ही कवायद एक माह से चल रही थी।सब इंजीनियर का पद संवर्गीय है लेकिन मनरेगा में सब इंजीनियर के समकक्ष पद जोड़ दिया। मनरेगा में प्रोग्राम आफिसर का पद है लेकिन शासन में नहीं है, इसलिए परियोजना अधिकारी के समकक्ष लाकर वेतनमान निर्धारित होगा।
ऐसे तय होगा वेतनमान
इसी तरह डाटा एंट्री आफिसर के वेतनमान का निर्धारण किया जाएगा। हालांकि, कुछ संविदा कर्मचारियों को अधिक आर्थिक लाभ नहीं होगा क्योंकि वे पहले से ही अधिक वेतन प्राप्त कर रहे हैं लेकिन उन्हें क्षति न हो, इसके लिए वेतन सुरक्षा दी जाएगी। बैठक में गृह, वाणिज्यिक कर, नगरीय विकास एवं आवास,संस्कृति, खेल एवं युवा कल्याण, स्कूल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि, सामाजिक न्याय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास,वन, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।