मध्यप्रदेश के कर्मचारी शुक्रवार को एक दिन की हड़ताल पर रहेंगे। इसके लिए वे अवकाश लेंगे। पुरानी पेंशन समेत कुल 39 सूत्री मांगों को लेकर हो रही इस हड़ताल से जनता से जुड़े काम अटक जाएंगे। शनिवार और रविवार को शासकीय अवकाश होने से भी काम नहीं हो सकेंगे।
MP - भोपाल |मध्यप्रदेश के कर्मचारी शुक्रवार को एक दिन की हड़ताल पर रहेंगे। इसके लिए वे अवकाश लेंगे। पुरानी पेंशन समेत कुल 39 सूत्रीय मांगों को लेकर हो रही इस हड़ताल से जनता से जुड़े काम अटक जाएंगे। शनिवार और रविवार को शासकीय अवकाश होने से भी काम नहीं हो पायेगें।मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी मोर्चा समेत 6 संगठनों के आह्वान पर यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
एक दिन हड़ताल, दो दिन रहेंगी छुट्टी
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव तिवारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 5 लाख 75 हजार कर्मचारी हैं। शुक्रवार को वर्ग-3 और 4 समेत राजपत्रिक अधिकारी संवर्ग भी हड़ताल में शामिल रहेंगे। इससे जमीन की रजिस्ट्री हो या तहसीलों में नामांकन हो बंटाकन हो जैसे काम, सब अटक जाएंगे। शनिवार और रविवार को छुट्टी होने से लगातार 3 दिन तक काम नहीं हो सकेंगे। सोमवार को कर्मचारी काम पर लौटेंगे। प्रदेश के लिपिक कर्मचारियों को 2400-2800-3200 के स्थान पर मंत्रालय के समान 2800-3600-4200 ग्रेड पे का लाभ दिया जाए। पुरानी पेंशन बहाल हो। वहीं, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को धारा 49 से छूट दी जाए और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को केंद्रीय तिथि से ही महंगाई राहत दी जाए। पूर्व का बकाया भी प्रदान किया जाए। पिछले 11 साल से वाहन एवं मकान किराए भत्ते में वृद्धि नहीं हुई है।
इन मांगों को लेकर प्रदर्शन
● प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ते का बकाया एरियर मिले।
● सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 4% महंगाई राहत दी जाए।
● पुरानी पेंशन बहाल हो।
● लिपिकों के ग्रेड पे में विसंगति को दूर करें।
● चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदनाम दें।
● वाहन चालकों की भर्ती एवं टैक्सी प्रथा खत्म की जाए।
● सातवें वेतनमान के अनुसार वाहन भत्ता एवं मकान किराया भत्ता दिया जाए।
● सीपीसीटी खत्म कर आउट सोर्सेस प्रथा बंद करें।
● शिक्षकों एवं सहायक शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान एवं नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता दें।
● स्थाईकर्मियों को नियमित करें।
● कर्मचारियों की पदोन्नति करने धारा 49 समाप्त की जाए।
● पेंशन हेतु अंशदाई पेंशन की गणना 25 वर्ष करें।
● आंगनवाड़ी अंशकालीन, स्टेनोग्राफर, जिला न्यायालय, राजस्व कर्मचारियों की लंबित मांगें पूरी हो।