यदि अमर सिंह जीवित होते तो इस गड़़बड़झाले का खुलासा नहीं होता, यह तो अमर सिंह के फरवरी 2023 में निधन होने के बाद उस समय हुआ, जब उनकी पत्नी फेमिली पेंशन पाने के लिए पमरे के प्रमुख मुख्य वित्त अधिकारी एवं लेखा नियंत्रक कार्यालय पहुंची, जहां पर उनके पति स्व. अमर सिंह के रिकार्ड तलाशे गये तो पूरे मामले का खुलासा हुआ कि उनके दो अलग-अलग बैंक खातों में पेंशन पहुंच रही है, जिसमें रेलवे को लगभग 60 लाख रुपए का चूना लग गया है।
सूत्रों के मुताबिक रेलवे के सामने विचित्र स्थिति बन गई है, वह इतनी बड़ी राशि कैसे व किससे वसूली करे. क्योंकि अमर सिंह की तो मृत्यु हो चुकी है, अब उनकी पत्नी के फैमिली पेंशन से किस नियमों के तहत रिकवरी की जाएगी।
MP - जबलपुर |रेलवे में हुये पेंशन घोटाले से रेल मंडल में हड़कंप मचा हुआ है, बता दें की रिटायर कर्मचारी के एक नहीं बल्कि दो बैंक खातों में 12 साल तक डबल पेंशन आती रही, रेलवे में हुये इस पेंशन घोटाले से पूरे रेल मंडल में हड़कंप मच गया है, इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब रिटायर कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसकी पत्नी ने फैमिली पेंशन के लिए आवेदन दिया. माना जा रहा है कि इस मामले में एकाउंट विभाग के कुछ कर्मचारियों की गंभीर लापरवाही सामने आयी है. रेल प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए हर्ष वर्मा जो पमरे मजदूर संघ के मंडल कोषाध्यक्ष भी हैं, को मामले में गंभीर कदाचरण का आरोपी मानते हुए मेजर पेनाल्टी चार्जशीट एसएफ5 दी है।
यह है पूरा मामला
जबलपुर में अमर सिंह चीफ लोको इंस्पेक्टर (सीएलआई) के पद पर कार्यरत थे, वे 31 मार्च 2011 को सेवानिवृत्त हुए, जिसके पश्चात उनके सेंट्रल बैंक आफ इंडिया बिलहरी शाखा में पेंशन आती रही. अमरसिंह का स्टेंडिंग अप के भुगतान का मामला रेलवे के समक्ष लंबित था, जिस के भुगतान के लिए वे कोर्ट गये थे, जिसके पश्चात 2021 में उन्हें रेलवे ने एरियर्स का भुगतान भी किया. इसी दौरान अमर सिंह ने रेलवे में आवेदन देकर अपना पेंशन एकाउंट सेंट्रल बैंक आफ इंडिया (सीबीआई) बिलहरी शाखा से स्टेट बैंक आफ इंडिया मढ़ाताल ब्रांच में करने का आवेदन दिया. यहीं से सारे गोलमाल की पटकथा रची गई. रेल के जिम्मेदार विभाग कर्मिक व लेखा ने अमर सिंह के सीबीआई शाखा से पत्राचार किये और बैंक को बिना सूचित किये एसबीआई में पेंशन भुगतान के लिए दूसरा पीपीओ आर्डर 2 जून 2021 को जारी कर दिया. जिसमें पेंशन की देय तिथि 31 मार्च 2011 दर्शाई गई।
SBI ने 31 मार्च 2011 की तारीख से पेंशन का एरियर्स जारी कर दिया
बताया जाता है कि रेलवे से अमरसिंह का पीपीओ मिलते ही उसमें दर्ज पेंशन देय तिथि 31 मार्च 2011 को मानते हुए एसबीआई ने 1 अप्रैल 2011 से नवम्बर 2021 तक का एरियर्स 46 लाख 8 हजार 508 रुपए का भुगतान कर दिया. यही नहीं दिसम्बर 2021 से लेकर फरवरी 2023 (अमरसिंह की मृत्यु तक) प्रतिमाह पेंशन जो लगभग 75 हजार रुपए प्रतिमाह होती है, वह भी भुगतान होता रहा. आश्चर्य की बात तो यह रही कि इस दौरान सेंट्रल बैंक आफ इंडिया बिलहरी शाखा में भी अप्रैल 2011 से फरवरी 2023 तक हर माह निर्धारित पेंशन अमरसिंह को प्राप्त होती रही. इस प्रकार अमर सिंह (अब स्वर्गीय) को लगभग 60 लाख रुपए का भुगतान किया गया।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
बताया जाता है कि यदि अमर सिंह जीवित होते तो इस गड़़बड़झाले का खुलासा नहीं होता, यह तो अमर सिंह के फरवरी 2023 में निधन होने के बाद उस समय हुआ, जब उनकी पत्नी फेमिली पेंशन पाने के लिए पमरे के प्रमुख मुख्य वित्त अधिकारी एवं लेखा नियंत्रक कार्यालय पहुंची, जहां पर उनके पति स्व. अमर सिंह के रिकार्ड तलाशे गये तो पूरे मामले का खुलासा हुआ कि उनके दो अलग-अलग बैंक खातों में पेंशन पहुंच रही है, जिसमें रेलवे को लगभग 60 लाख रुपए का चूना लग गया है।
संबंधित लेखा कर्मचारियों को मेजर पेनाल्टी चार्जशीट
इस मामले की जांच इन दिनों पमरे मुख्यालय के निर्देश पर जबलपुर रेल मंडल के लेखा विभाग द्वारा की जा रही है, इस मामले में लेखा विभाग के संबंधित कर्मचारी हर्ष वर्मा जो पश्चिम मध्य रेलवे मजदूर संघ का पदाधिकारी (मंडल कोषाध्यक्ष) है व कुछ अन्य को गंभीर लापरवाही मानते हुए मेजर पेनाल्टी चार्जशीट एसएफ5 दी गई है।
बगैर स्टाफ की मिलीभगत से इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता
इस संबंध में जानकारों का कहना है कि एक ही रिटायर कर्मचारी के दो अलग-अलग बैंक खातों में डबल पेंशन लगातार सालों से आती रही और किसी को भनक न लगे, यह संभव नहीं है. इस मामले में लेखा विभाग के स्टाफ की मिलीभगत से गड़बड़ घोटाला संभव नहीं है।
कैसे वसूलेंगे इतनी बड़ी राशि
सूत्रों के मुताबिक रेलवे के समक्ष विचित्र स्थिति बन गई है, वह इतनी बड़ी राशि कैसे व किससे वसूली करे. क्योंकि अमर सिंह की तो मृत्यु हो चुकी है, अब उनकी पत्नी के फैमिली पेंशन से किस नियमों के तहत रिकवरी की जाएगी, इस पर कानूनी सलाह अधिकारी ले रहे हैं. वहीं जिन लापरवाह कर्मचारियों के कारण यह हुआ है, उन पर क्या कार्रवाई हो, इन सब पर उच्चस्तर पर चर्चाएं चल रही है. वहीं इस मामले में रेलवे के अधिकारी कुछ भी कहने से बचते रहे।