सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक बिना पुलिस वेरिफिकेशन सिम कार्ड बेचने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना है. दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक देश में करीब 10 लाख सिम कार्ड डीलर हैं जिन्हें पुलिस वेरिफिकेशन कराना होगा. इसके अलावा बिजनेस का भी केवाईसी कराना होगा।
नई दिल्ली|अब नहीं कराया सिम कार्ड का वेरिफिकेशन तो लगेगा 10 लाख का जुर्माना,आजकल सिम कार्ड के जरिये फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में इससे होने वाली धोखाधड़ी की कमर तोड़ने के लिए सरकार ने खास कदम उठाया है. दरअसल, सरकार ने अब सिम डीलर का वेरिफिकेशन मैंडेटरी कर दिया है. धोखाधड़ी की कमर तोड़ने के लिए सरकार ने यह खास कदम उठाया है. जिसके तहत अब सिम बेचने वाले डीलर्स के लिए पुलिस और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जरुरी हो गया है. साथ ही सरकार ने बल्क में सिम खरीद के सिस्टम को भी बंद कर दिया है. बल्क सिम बाईंग सिस्टम की जगह बिजनेस कनेक्शन वाला कॉन्सेप्ट लाया जा रहा है. वहीं, अगर कोई सिम डीलर अवैध तरीके से सिम बेचता पाया गया या वेरिफिकेशन नहीं कराया तो उसपर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा।
सिम की अवैध और बल्क खरीद को रोकने के लिए बिजनेस कॉन्सेप्ट लाया जायेगा. इसमें कोई भी बिजनस ग्रुप, कॉरपोरेट या इवेंट के लिए सिम खरीदने की फैसिलिटी दी जाएगी. इसके जरिये कंपनियों के रजिस्ट्रेशन के आधार पर सिम दिए जाएंगे. अगर कोई कंपनी बल्क में सिम खरीदना चाहती है तो उसमें भी उसे इंडिविजुअल केवाईसी कराना होगा।
सिम का होता है मिसयूज 👇
लोग बल्क में सिम खरीदते हैं लेकिन इसमें 20 परसेंट मिसयूज होता है. इससे साइबर फ्रॉड होता है. डिटेल स्टडी के बाद यह फैसला किया गया है कि बल्क में खरीद का सिस्टम बंद किया जाएगा. उसकी जगह बिजनेस कनेक्शन वाला कॉन्सेप्ट आएगा. इसमें कोई भी बिजनेस ग्रुप, कॉरपोरेट या इवेंट के लिए एक व्यवस्था की जाएगी. इसमें रजिस्ट्रेशन के आधार पर सिम दिए जाएंगे।
10 लाख का लगेगा जुर्माना
सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक बिना पुलिस वेरिफिकेशन सिम कार्ड बेचने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना है. दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक देश में करीब 10 लाख सिम कार्ड डीलर हैं जिन्हें पुलिस वेरिफिकेशन कराना होगा. इसके अलावा बिजनेस का भी केवाईसी कराना होगा.
वैष्णव ने कहा कि आजकल सिम बेचने वाले डीलरों की बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई है. उनका मेन फोकस सिर्फ सिम बेचने पर ही होता है. इस पर काबू पाने के लिए डीलरों का बायोमेट्रिक और पुलिस वेरिफिकेशन जरुरी किया जा रहा है. सभी POS डीलर का रजिस्ट्रेशन भी मैंडेटरी होगा. अगर कोई डीलर इस मामले में लापरवाही बरतता नजर आया तो उसकी जवाबदेही तय की जा सकेगी. दूरसंचार मंत्री ने बताया कि संचार साथी पोर्टल के लॉन्च होने के बाद उन्होंने करीब 52 लाख फर्जी कनेक्शन को डिएक्टिवेट किया है. 67 हजार डीलर्स को ब्लैकलिस्ट किया गया है. साथ ही 300 FIR रजिस्टर्ड की कई हैं।