हिंदू धर्म में गुरुओं को सबसे ऊंचा दर्जा दिया जाता है. इस साल गुरु पूर्णिमा 03 जुलाई यानी आज मनाई जा रही है. गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेद व्यास की पूजा भी की जाती है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है. आइए जानते हैं कि गुरु पूर्णिमा का दिन क्यों इतना खास होता है।
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः |
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ||
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः |
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ||
नई दिल्ली | Guru Purnima 2023: गुरु को भगवान से ऊंचा दर्जा दिया गया है क्योंकि वह हमें इस संसार में जीने के तरीके और अंधकार से प्रकाश तक ले जाना का रास्ता दिखाते हैं. आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है. इस दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. इस दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करता है और यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करते है। शिष्य इस दिन अपनी सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देता है और अपना सारा भार गुरु को दे देता है. इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व 03 जुलाई, सोमवार यानी आज है।
गुरु पूर्णिमा महत्व
मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के ही दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था. सनातन धर्म में महर्षि वेदव्यास को प्रथम गुरु का दर्जा प्राप्त है क्योंकि सबसे पहले मनुष्य जाति को वेदों की शिक्षा उन्होंने ही दी थी. इसके अलावा महर्षि वेदव्यास को श्रीमद्भागवत, महाभारत, ब्रह्मसूत्र, मीमांसा के अलावा 18 पुराणों का रचियाता माना जाता है. यही वजह है कि महर्षि वेदव्यास को आदि गुरु का दर्जा प्राप्त है. गुरु पूर्णिमा के दिन विशेष तौर पर महर्षि वेदव्यास की पूजा होती है।
गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
गुरु पूर्णिमा प्रारंभ- 02 जुलाई, रात 08 बजकर 21 मिनट से गुरु पूर्णिमा समापन - 03 जुलाई, शाम 05 बजकर 08 मिनट तक
गुरु पूर्णिमा शुभ योग
गुरु पूर्णिमा के दिन इस बार कई शुभ योगों का निर्माण होने जा रहा है. इस दिन ब्रह्म योग और इंद्र योग बनेंगे. वहीं, सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग का निर्माण भी होने जा रहा है. ब्रह्म योग 02 जुलाई यानी कल शाम 07 बजकर 26 मिनट से 03 जुलाई यानी आज दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. इंद्र योग की शुरुआत 03 जुलाई यानी आज दोपहर 03 बजकर 45 मिनट पर होगी और इसका समापन 04 जुलाई कल सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर होगा।
गुरु पूर्णिमा पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठें और घर की साफ-सफाई करने के बाद नहा लें और फिर साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद पूजा का संकल्प लें और एक साफ-सुथरी जगह पर एक सफेद वस्त्र बिछाकर व्यास पीठ का निर्माण करें. इसके बाद गुरु व्यास की प्रतिमा उस पर स्थापित करें और उन्हें रोली, चंदन, पुष्प, फल और प्रसाद अर्पित करें. गुरु व्यास के साथ-साथ शुक्रदेव और शंकराचार्य आदि गुरुओं का भी आवाहन करें और ''गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये'' मंत्र का जाप करें।
गुरु पूर्णिमा उपाय
1. भगवान विष्णु को बनाएं अपना गुरु
ज्योतिष विद्या के अनुसार यदि आपके कोई गुरु नहीं है तो भगवान विष्णु को गुरु मानकार आप उन्हें नमन कर सकते हैं. गुरु पूर्णिमा के दिन उन्हें नमन करके उनसे कृपा की प्रार्थना करें और फूल-प्रसाद चढ़ाएं।
2. बुद्धि के लिए करें गीता पाठ
जो छात्र अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं, उन्हें गुरु पूर्णिमा के दिन गीता पाठ करने के बाद कुछ देर गाय की सेवा करना चाहिए।
3. आर्थिक मजबूती के लिए
अगर आपको कारोबार में हानि हो रही है और आप आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं तो आज के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को पीले अनाज, पीले वस्त्र और पीले रंग की मिठाई का दान करनी चाहिए।