घाना की खसरा नम्बर 23 की करीब 5 हजार 445 वर्गफुट भूमि रजिस्ट्री शून्य घोषित।
MP-जबलपुर |फर्जी मुख्तयारनामा बनाकर छल-कपट से कराई गई जमीन की रजिस्ट्री को एसडीएम जबलपुर पी के सेनगुप्ता ने शून्य घोषित करते हुये भूमि की पूर्व स्थिति बहाल करने का आदेश पारित कर दिया,कलेक्टर सौरभ कुमार के निर्देशों के मुताबिक एसडीएम जबलपुर पी के सेनगुप्ता ने एक प्रकरण में 5 हजार 445 वर्गफुट जमीन की छल-कपट से कराई गई रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर दिया है।
एसडीएम जबलपुर पी के सेनगुप्ता ने प्रकरण के सबन्ध में जानकारी देते हुये बताया कि ग्राम घाना निवासी ताराचंद बर्मन पिता गणेश प्रसाद बर्मन ने वर्ष 2013 में स्वास्थ्य खराब होने के कारण घमापुर निवासी अंकुर शिवहरे पिता राज शिवहरे से 2 प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रुपये की राशि ली थी। इसके बदले में ताराचंद ने घाना की खसरा नम्बर 23 की करीब 5 हजार 445 वर्गफुट भूमि के दस्तावेज अंकुर शिवहरे के पास जमानत के तौर पर रखे थे। अंकुर शिवहरे द्वारा इन दस्तावेजों के आधार पर फर्जी मुख्तयारनामा बनाकर तथा छल-कपट से अनेक स्थानों पर ताराचंद से हस्ताक्षर कराकर इस भूमि की रजिस्ट्री करा ली गई। एसडीएम जबलपुर ने बताया कि ताराचंद 86 हजार रुपये की राशि अंकुर शिवहरे को अदा कर चुका था । जब वह शेष राशि चुकाने गया तब उसे पता चला कि अंकुर शिवहरे द्वारा फर्जी मुख्त्यारनामा से उसकी भूमि की रजिस्ट्री करा अपने पुत्र के नाम करा ली गई है ।
ताराचंद ने एसडीएम कोर्ट में आवेदन देकर अपनी भूमि वापस दिलाने का आग्रह किया। एसडीएम जबलपुर श्री सेनगुप्ता के मुताबिक प्रकरण में विधिवत सुनवाई करते हुये मध्यप्रदेश समाज के कमजोर वर्ग के भूमि धारकों को उधार देना-लेना एवं भूमि हड़पने सबन्धी कुचक्रों एवं परित्राण से मुक्ति अधिनियम 1976 की धारा 5 के अंतर्गत रजिस्ट्री को शून्य घोषित करते हुये भूमि की पूर्व स्थिति बहाल करने का आदेश पारित किया गया । बता दें कि इसके पहले भी एसडीएम जबलपुर द्वारा ग्राम सिलुवा रमनपुर (बरगी) की 34 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री शून्य घोषित कर आदिवासियों को वापस कब्जा दिलाया जा चुका है। इसी प्रकार ग्राम देवरी और घाना में भी पूर्व में आदिवासियों को रजिस्ट्री शून्य घोषित कर भूमि का कब्जा वापस दिलाया गया था।