धारा 144 के अंतर्गत जिले की सीमा में फसलों के डंठलों में आग लगाये जाने पर जबलपुर कलेक्टर ने लगाया प्रतिबंधित।
MP-जबलपुर |कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने जन सामान्य के हित व पर्यावरणीय सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए नरवाई न जलाने के निर्देश दिये। साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अंतर्गत जिले की सीमा में गेहूं एवं अन्य फसलों के डंठलों (नरवाई) में आग लगाये जाने पर प्रतिबंधित किया है। उन्होंने आदेश जारी कर कहा कि वर्तमान में गेहूं की फसल कटाई अधिकांशतःकम्बाईन्ड हार्वेस्टर द्वारा की जाती है। कटाई उपरांत बचे हुए गेहूं के डंठलों से भूसा न बनाकर जला देते है। पैरा एवं भूसे का उपयोग पशु आहार के साथ ही अन्य वैकल्पिक रूप में किया जा सकता है। एकत्रित किया गया भूसा ईंट भट्टा एवं अन्य उद्योगों में उपयोग किया जाता है। भूसे एवं पैरा की मांग प्रदेश के अन्य जिलों के साथ अनेक प्रदेशों में भी होती है। एकत्रित भूसा उचित दर पर विक्रय किया जा सकता है। पर्याप्त मात्रा में भूसा व पैरा उपलब्ध न होने के कारण पशु अन्य हानिकारक पदार्थ जैसे पालिथीन आदि खाते हैं, जिससे वे बीमार होते हैं तथा अनेक बार उनकी मृत्यु भी हो जाती है, जिससे पशुधन की हानि होती है। नरवाई एवं पैरा में आग लगाना कृषि के लिये नुकसानदायक होने के साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी हानिकारक है। इसके कारण विगत वर्षों में गंभीर स्वरूप की अग्नि दुर्घटनाएं घटित हुई है तथा व्यापक संपत्ति की हानि हुई है।
ग्रीष्म ऋतु में बढ़ते जल संकट में इससे बढ़ोत्तरी तो होती ही है साथ ही कानून व्यवस्था के लिये विपरीत परिस्थितियां निर्मित होती है। उन्होंने कहा कि खेत की आग के अनियंत्रित होने पर जन, धन, संपत्ति, प्राकृतिक वनस्पति एवं जीव जंतु आदि नष्ट हो जाते हैं. जिससे व्यापक नुकसान होता है। खेत की मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु इससे नष्ट होते है। जिससे खेत की उर्वरा शक्ति शनैः-शनैः घट रही है और उत्पादन प्रभावित हो रहा है।
खेत में पड़ा कचरा भूसा डंठल सड़ने के बाद भूमि को प्राकृतिक रूप से उपजाऊ बनाते हैं। जिन्हें जलाकर नष्ट करना ऊर्जा को नष्ट करना है। आग लगाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है, जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड रहा है। अतः उपरोक्त परिस्थितियों में जन सामान्य के हित सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा पर्यावरण की हानि रोकने एवं लोक व्यवस्था बनाये रखने के लिये उन्होंने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 की उपधारा (2) के अंतर्गत यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया है। साथ ही कहा यह आदेश जबलपुर जिले के सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र में तत्काल प्रभावशील होगा।