बादशाह हलवाई मंदिर को क्षति पहुँचाने पर होगा 1 वर्ष का कारावास : स्‍मारक के समीप एवं निकटस्‍थ के क्षेत्र में खनन व निर्माण कार्य के लिये प्रतिषिद्ध और विनियोजित क्षेत्र घोषित - Jai Bharat Express

Jai Bharat Express

Jaibharatexpress.com@gmail.com

Breaking

बादशाह हलवाई मंदिर को क्षति पहुँचाने पर होगा 1 वर्ष का कारावास : स्‍मारक के समीप एवं निकटस्‍थ के क्षेत्र में खनन व निर्माण कार्य के लिये प्रतिषिद्ध और विनियोजित क्षेत्र घोषित

मध्‍यप्रदेश प्राचीन स्‍मारक एवं पुरातत्‍वीय स्‍थल तथा अवशेष नियम के प्रावधानों के अनुसार संरक्षित स्‍मारक की सीमा से 100 मीटर तक और इसके आगे 200 मीटर तक के समीप एवं निकटस्‍थ का क्षेत्र भी खनन व निर्माण कार्य के लिये प्रतिषिद्ध और विनियोजित क्षेत्र घोषित किया गया है।





MP-जबलपुर |ग्वारीघाट रोड पोलीपाथर स्थित ऐतिहासिक बादशाह हलवाई मंदिर के आसपास बढ़ रहे अतिक्रमणों को देखते हुए प्रशासन कार्रवाई की योजना बना रहा है। इस बीच पुरातत्व विभाग ने कहा है कि कोई व्यक्ति मंदिर को क्षति पहुंचाने, नष्ट करने या खतरे में डालने जैसा काम करता है, तो उसे कम से कम एक वर्ष का कारावास या दस हजार रुपए तक के अर्थदंड अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है। उपसंचालक पुरातत्‍व अभिलेखागार एवं संग्रहालय जबलपुर के एल. डाभी अनुसार गोरखपुर तहसील के अंतर्गत खसरा नम्‍बर 40/1 के 2.774 हेक्‍टेयर क्षेत्र के निजी स्‍वामित्‍व वाले बादशाह हलवाई मंदिर को मध्‍यप्रदेश संस्‍कृति विभाग द्वारा वर्ष 2014 में संरक्षित स्‍मारक घोषित किया गया है। उन्‍होनें बताया कि मध्‍यप्रदेश प्राचीन स्‍मारक एवं पुरातत्‍वीय स्‍थल तथा अवशेष अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक यदि कोई व्‍यक्ति इस स्‍मारक को क्षति पहुंचाता है, नष्‍ट करता है, कुरूप करता है, विलग या परिवर्तित करता है अथवा खतरे में डालता है तो उसे इस अपकृत्‍य के लिये एक वर्ष तक का कारावास या 10 हजार रूपये तक का जुर्माना या दोनों से एक साथ दण्डित किया जा सकता है।



उपसंचालक पुरातत्‍व अभिलेखागार एवं संग्रहालय के मुताबिक मध्‍यप्रदेश प्राचीन स्‍मारक एवं पुरातत्‍वीय स्‍थल तथा अवशेष नियम के प्रावधानों के अनुसार संरक्षित स्‍मारक की सीमा से 100 मीटर तक और इसके आगे 200 मीटर तक के समीप एवं निकटस्‍थ का क्षेत्र भी खनन व निर्माण कार्य के लिये भी प्रतिषिद्ध और विनियोजित क्षेत्र घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के भवनों की मरम्‍मत, परिवर्तन तथा निर्माण या नवनिर्माण हेतु संचालक अथवा आयुक्‍त पुरातत्‍व अभिलेखागार एवं संग्रहालय मध्‍यप्रदेश से पूर्व अनुमति प्राप्‍त करना आवश्‍यक होगा।