अदानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी LIC के 18300 करोड़ रुपए डूब गए
नई दिल्ली|अदानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी LIC के 18300 करोड़ रुपए डूब गए, Hindenburg रिपोर्ट आने के बाद आज अदानी ग्रुप के शेयरों में 25 फीसदी तक की भारी गिरावट दर्ज की गई. लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (Life Insurance Corporation) ने अदानी ग्रुप की सात कंपनियों में निवेश किया है. बीते दो कारोबारी सत्रों में LIC के निवेश वैल्यु में 18300 करोड़ की गिरावट आई है. इस दौरान अदानी ग्रुप के निवेशकों के 4 लाख करोड़ से ज्यादा डूब गए. एलआईसी को सबसे ज्यादा नुकसान अदानी टोटल गैस (Adani Total Gas)में हुआ है. कंपनी का निवेश 6350 करोड़ घटा है।
LIC को किस कंपनी में कितना घाटा हुआ। अदानी एंटरप्राइजेज के निवेश में LIC को 2700 करोड़ का घाटा हुआ है. अदानी ग्रीन में 875 करोड़, अदानी ट्रांसमिशन में 3050 करोड़, अदानी पोर्ट में 3300 करोड़, ACC में 570 करोड़, अंबुजा सीमेंट्स में 1460 करोड़ का घाटा हुआ है. इन सातों कंपनियों का कुल घाटा 18305 करोड़ है।
LIC के पास अदानी ग्रुप में कितनी हिस्सेदारी है?
बता दें कि LIC के पास अदानी एंटरप्राइजेज में 4.23 फीसदी, अदानी पोर्ट में 9.14 फीसदी, अदानी टोटल गैस में 5.96 फीसदी, अदानी ट्रांसमिशन में 3.65 फीसदी, अदानी ग्रीन गैस में 1.28 फीसदी, ACC में 6.41 फीसदी और अंबुजा सीमेंट्स में 6.32 फीसदी हिस्सेदारी है. अदानी ग्रुप में LIC के टोटल निवेश की वैल्यु 24 जनवरी को 81 हजार करोड़ के पार थी. इस हफ्ते अदानी पोर्ट के शेयरों में कुल 15 फीसदी और अदानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में करीब 19 फीसदी की गिरावट आई है।
सरकारी बैंकों ने दिया है ज्यादा कर्ज
ब्रोकरेज फर्म CLSA की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन बैंकिंग सेक्टर का एक्सपोजर अदानी ग्रुप में 0.55 फीसदी है. अदानी ग्रुप को सरकारी बैंकों ने प्राइवेट बैंकों के मुकाबले ज्यादा लोन दिया है. PSU Banks का टोटल एक्सपोजर 0.60 फीसदी है।
अदानी ग्रुप में 1.9 लाख करोड़ का कर्ज
अदानी ग्रुप पर करीब 1.9 लाख करोड़ का कर्ज है,कुल कर्ज में बैंकों का कर्ज करीब 80 हजार करोड़ है.यह करीब 40 फीसदी होता है. बीते तीन सालों में कंपनी का कर्ज दोगुना हुआ है. ग्रुप के बैंक कर्ज में सरकारी बैंकों का हिस्सा 25-30 फीसदी है, जबकि प्राइवेट बैंकों का हिस्सा 10 फीसदी है. कुल कर्ज में विदेशी बैंकों की हिस्सेदारी 18 फीसदी है।