जबलपुर जिला जल अभावग्रस्त घोषित
पेयजल संकट की संभावना को देखते हुये जबलपुर जिले में शासकीय एवं निजी नलकूप खनन पर लगा प्रतिबंध।
जिले में अशासकीय एवं निजी नलकूपों के खनन पर 30 अप्रैल से 30 जून तक लगा प्रतिबंध।
जबलपुर |जिले का जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है और वर्षा कम होने के कारण गर्मी के मौसम में कई क्षेत्रों में जलसंकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है। जिस कारण कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने तत्काल प्रभाव से नये नलकूप खनन पर पाबंदी लगा दी है,जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने ग्रीष्म काल के दौरान जिले के नगरीय निकायों एवं ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल संकट की संभावना को देखते हुये जबलपुर जिले को मध्यप्रदेश पेयजल परिक्षण अधिनियम के तहत जल अभाव ग्रस्त घोषित कर दिया है, तथा जिले में अशासकीय एवं निजी नलकूपों के खनन पर 30 अप्रैल से 30 जून तक प्रतिबंध लगा दिया है।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जिले में गत वर्ष औसत से कम वर्षा तथा कृषि, व्यावसायिक एवं औद्योगिक कार्यों में जल स्त्रोतों का अति दोहन होने के कारण पेयजल स्त्रोतों एवं नलकूपों का जलस्तर तेजी से गिर रहा है। जल स्तर गिरने एवं अधिकांश सतही जल स्त्रोतों के सूख जाने के कारण ग्रीष्म काल के दौरान जल संकट की संभावना को देखते हुये जिले की सभी तहसीलों में पेयजल के अलावा अन्य प्रयोजनों के लिये नवीन निजी नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक हैं।
जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में भू-जल स्तर में निरन्तर गिरावट को देखते हुये संपूर्ण जिले में अशासकीय एवं निजी नलकूपों के खनन को प्रतिबंधित करने के साथ-साथ जिले की सीमा में सार्वजिनक सड़कों से गुजरने वाली मशीनों को छोड़कर नलकूप खनन की मशीनों के बिना अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अनुमति के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। आदेश के मुताबिक जिले की सीमा क्षेत्र में नलकूप खनन की मशीनें बिना अनुमति के न तो प्रवेश कर सकेगी और न ही नलकूप का खनन कर सकेंगे।
आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को अवैध रूप से प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करने वाली नलकूप खनन की मशीनों को अथवा नलकूप खनन का प्रयास करने वाली मशीनों को जप्त कर एफआईआर दर्ज करने का अधिकार होगा। आदेश में अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को उनके क्षेत्रांतर्गत अपरिहार्य प्रकरणों एवं अन्य प्रयोजनों हेतु उचित जांच के बाद नलकूप खनन की मशीनों को अनुज्ञा देने हेतु अधिकृत किया गया है।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अशासकीय एवं निजी नलकूपों के खनन पर लगाये गये प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर दोषी व्यक्तियों को मध्यप्रदेश पेयजल परिक्षण अधिनियम की धारा 9 के अनुसार दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रूपये का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकेगा। यह आदेश शासकीय योजनाओं के अंतर्गत नलकूपों के खनन पर लागू नहीं होगा तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्ययोजना के अंतर्गत नलकूप का खनन कराया जा सकेगा। इस हेतु अनुज्ञा की आवश्यकता भी नहीं होगी।
जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में कहा है कि सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु आवश्यकता होने पर मध्यप्रदेश पेयजल परिक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत नवीन खनिज निजी नलकूपों एवं विद्यमान जल स्त्रोतों का अधिग्रहण भी किया जा सकेगा।