अपर कलेक्टर ने लगाया मिलावटी एवं मिथ्याछाप खाद्य सामग्री का विक्रय करने के दस प्रकरणों में 2 लाख 35 हजार रूपये का जुर्माना।
सभी विक्रेताओं को जुर्माने की राशी 30 दिन के भीतर शासन के खाते में जमा करने के दिए निर्देश।
जबलपुर |अपर कलेक्टर एवं न्याय निर्णय अधिकारी सुश्री विमलेश सिंह ने मिलावटी एवं अवमानक खाद्य सामग्री के विक्रय करने के दस अलग-अलग प्रकरणों में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आदेश पारित कर खाद्य पदार्थों के दस व्यापारियों पर 2 लाखा 35 हजार रूपये का जुर्माना अधिरोपित किया है। मिलावटी एवं अवमानक खाद्य सामग्री का विक्रय करने के ये सभी मामले में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने अपर कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किये थे,अपर कलेक्टर ने इन प्रकरणों में सुनवाई की प्रक्रिया पूरी कर जुर्माना अधिरोपित करने के आदेश पारित किये है।
मिलावटी एवं अमानक खाद्य पदार्थ विक्रय करने के इन मामलों में मेन मार्केट बरगी नगर निवासी आशुचंद जैन पर मिथ्याछाप धनिया पावडर का व्रिक्रय करने पर दस हजार रूपये, भोला डेयरी पनागर के संचालक अभिषेक यादव पर मिलावटी दूध का विक्रय करने पर 20 हजार रूपये, मां रेवा कृपा शुगर मिल पोडी फाटक भिटौनी शहपुरा के सीजीएम किशनचंद पर मिथ्याछाप शक्कर का विक्रय करने पर 40 हजार रूपये, झंडा बाजार सिहोरा के भगवती चरण बडेरिया पर मिलावटी ब्लेण्डेड ऑयल व कुकिंग ऑयल का विक्रय किये जाने पर 25 हजार रूपये, झुर्रे का रसगुल्ला कटंगी के प्रदीप जैन पर मिलावटी खोवा के इस्तेमाल करने पर 20 हजार रूपये, वार्ड नम्बर छह हाईस्कूल के सामने शहपुरा के अखिलेश जैन पर मिथ्याछाप लड्डू बेचने पर 25 हजार रूपये, सेंट्रल बैंक के सामने मेन रोड इंद्राना के शिवनारायण आसाटी पर मिथ्याछाप चायपत्ती बेचने पर 15 हजार रूपये, सरावगी मोहल्ला सिहोरा के महेन्द्र सिंह पर मिलावटी खोवा का विक्रय करने पर 20 हजार रूपये, वार्ड नम्बर चार सिहोरा के सचिन जानवानी पर खुला सोयाबीन बेचने पर 40 हजार रूपये तथा कौशल्या माई होम्स तिलवारा रोड़ के गिरीश गजभिये पर मिथ्याछाप बेसन का विक्रय करने पर 20 हजार रूपये का जुर्माना लगाया गया है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा इन प्रकरणों में संबंधित विक्रेताओं के यहां आकस्मिक जांच की कार्यवाही कर खाद्य पदार्थों के नमूने लिये गये थे तथा परीक्षण हेतु राज्य खाद्य प्रयोगशाला भोपाल भेजा गया था। परीक्षण रिपोर्ट में नमूने अमानक एवं मिथ्याछाप पाये जाने पर प्रकरण अपर कलेक्टर एवं न्याय निर्णय अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किये गये थे। अपर कलेक्टर सुश्री विमलेश सिंह ने सभी दस विक्रेताओं को जुर्माना 30 दिन के भीतर जुर्माना की राशि शासन के खाते में जमा करने के निर्देश दिये है।