नेशनल लोक अदालत 12 मार्च को
न्यायालय में लंबित दीवानी एवं आपराधिक शमनीय मामलों एवं बैंक, विद्युत, श्रम, जलकर, संपत्तिकर
प्री-लिटिगेशन प्रकरणों सहित सभी प्रकार के मामले निराकरण हेतु रखे जायेगें।
जबलपुर |राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार प्रदेश में शनिवार 12 मार्च को उच्च न्यायालय से लेकर जिला न्यायालयों, तालुका न्यायालयों, श्रम न्यायालयों, कुटुम्ब न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा हैं। जिसमें न्यायालयीन लंबित दीवानी एवं आपराधिक शमनीय मामलों एवं बैंक, विद्युत, श्रम, जलकर, संपत्तिकर आदि प्री-लिटिगेशन प्रकरणों सहित सभी प्रकार के मामले निराकरण हेतु रखे जायेगें।
नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम के लंबित प्रकरणों में निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारित आदेश जारी तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्ति पश्चात् 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में आकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारित आदेश जारी तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्ति पश्चात् 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी।
नेशनल लोक अदालत में म.प्र. नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत अधिरोपित संपत्ति कर एवं जलकर के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में बकाया राशि अनुसार अधिभार में 25 से 100 प्रतिशत तक की छूट (शर्तो के अधीन) घोषित की गई हैं। यह छूट 12 मार्च के पश्चात् समाप्त हो जायेगी। इसलिये लोक अदालत की छूट का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने हेतु अनुरोध किया गया है।
ऐसे इच्छुक पक्षकारगण जो न्यायालय में लंबित एवं मुकदमेबाजी के पूर्व (प्रिलिटिगेशन प्रकरण) उपरोक्त प्रकार के चिन्हित किये गये प्रकरणों, विवादों का उचित समाधान कर आपसी सहमति से लोक अदालत में निराकरण कराना चाहते है वे संबंधित न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से सम्पर्क कर अपना मामला लोक अदालत में रखे जाने हेतु, अपनी सहमति व आवश्यक कार्यवाही 12 मार्च के पूर्व पूर्ण कराये। ताकि सुविधानुसार मामला नेशनल लोक अदालत में 12 मार्च को विचार में लेकर निराकृत किया जा सके।