बाल कल्याण समिति के प्रयासों को मिली सफलता तीन वर्ष पहले बिछड़े बालक की हुई घर वापसी। आधार कार्ड से हुई परिजनों की पहचान।
जबलपुर |बाल कल्याण समिति जबलपुर के अथक प्रयासों से घर से पलायन कर जबलपुर आये एक 10 वर्षीय बालक की तीन वर्ष बाद घर वापसी संभव हो सकी। बालक को परिजनों से मिलवाने में जहां बाल कल्याण समिति द्वारा पिछले तीन वर्षों से लगातार प्रयास किये जा रहे थे, वहीं बालक की घर वापसी में आधार कार्ड सबसे ज्यादा सहायक साबित हुआ। आधार कार्ड के कारण उसके परिजनों की पहचान हो सकीं। बाल कल्याण समिति जबलपुर द्वारा घर से बिछड़े इस बालक का आधार कार्ड बनवाने के लिये लंबे समय से कोशिशें की जा रही थी।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास एम.एल. मेहरा के अनुसार बालक रामकुमार (परिवर्तित नाम) जुलाई 2018 में अपने घर से पलायन कर ट्रेन से चेन्नई पहुंच गया था। बाल कल्याण समिति चेन्नई के माध्यम से वर्ष 2019 में उसे बालगृह जबलपुर लाया गया। बालगृह में प्रवेश के समय उसकी उम्र आठ वर्ष की थी तथा वो अपने घर का पता भी ठीक से नहीं बता पा रहा था।
श्री मेहरा ने बताया कि बालगृह में आते से ही इस बालक के परिजनों की खोज-बीन प्रारंभ कर दी गई। बाल कल्याण समिति जबलपुर द्वारा विशेष किशोर पुलिस ईकाई एवं चाइल्ड हेल्प लाइन के सहयोग से उसका घर ढ़ूंढ़ने के काफी प्रयास किये गये। इस बीच बाल कल्याण समिति द्वारा इस बालक का आधार कार्ड बनाने की कोशिशें भी जारी रही। बालक का पूर्व में आधार रजिस्ट्रेशन हो चुका था। लेकिन तकनीकी खामियों की वजह से आधार कार्ड नहीं बन पा रहा था। आखिरकार काफी प्रयासों के बाद गत माह बायोमेट्रिक का मिलान हो जाने पर उसका आधार कार्ड बन सका। आधार कार्ड में प्राप्त जानकारी के आधार पर पता चला कि घर से पलायन कर जबलपुर पहुंचा यह बालक जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के ग्राम डोलिया का है।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि आधार कार्ड से मिली महत्वपूर्ण जानकारी के आधार पर सांबा जिले की बाल कल्याण समिति से संपर्क किया गया तथा उसके परिवार को खोज निकाला गया। श्री मेहरा के अनुसार घर और परिजनों के बारे में जानकारी मिलने पर जबलपुर और सांबा जिले के बाल कल्याण समिति द्वारा वीडियो कॉल से बालक की उसकी मां से बात कराई गई। वीडियो कॉल के माध्यम से हुई इस बातचीत में बालक ने अपनी मां को पहचान लिया। मां से बात करने के बाद बालक की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
श्री मेहरा ने बताया कि जिला बाल कल्याण समिति जबलपुर और जिला बाल कल्याण समिति द्वारा पुष्टि कर लिये जाने के बाद बालक के परिजनों को जबलपुर बुलाया गया। बच्चे को लेने इसकी मां खुद जबलपुर आई थीं। उनके साथ बालक की बहन और जीजा भी उसे लेने जबलपुर पहुंचे। तीन साल से बिछड़े अपने बच्चे को पाकर मां की खुशी से आंसू निकल आये। बेटे और मां के मिलन का यह दृश्य भावुक करने वाला था। शुक्रवार 17 दिसम्बर को बालक को उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया गया। इस तरह तीन वर्ष पहले घर से बिछड़े एक बच्चे की जिला बाल कल्याण समिति जबलपुर और सांबा के प्रयासों से घर वापसी हो सकीं।