आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है।
नई दिल्ली| राष्ट्र के नाम संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास अवसर पर विवादित तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी, उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए,आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है। ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है। आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे। इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर अपने घर वापस जाने की अपील की प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि ये भी बहुत सुखद है कि डेढ़ साल के अंतराल के बाद करतारपुर साहिब कॉरिडोर अब फिर से खुल गया है। पीएम मोदी ने किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने कितनी चुनौतियों को काफी करीब से देखा है।उन्होंने कहा कि किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. 100 में से 80 किसान ऐसे हैं जिनके पास महज 2 हेक्टेयर जमीन है. ऐसे किसानों की संख्या देश में करीब 10 करोड़ से भी ज्यादा है. उनकी पूरी जिंदगी का आधार यह जमीन का छोटा सा टुकड़ा है और इसी सहारे वे अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी यह जमीन का टुकड़ा और छोटा जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीज, बीमा और बाजार पर किया काम. उन्होंने ने कहा कि सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ ही यूरिया, स्वाइल हेल्थ कार्ड और माइक्रो इरिगेशन से भी जोड़ा. उन्होंने कहा कि हमने 22 करोड़ स्वाइल हेल्थ कार्ड दिया।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की तरफ से की गई उपज की खरीद ने पिछले कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि किसानों का कानूनों को समझाने का भरपूर प्रयास किया गया, अनेक माध्यमों से. लेकिन वह समझ नहीं पाए. उन्होंने कहा कि हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की।