BJP नेता से लेकर पत्रकार और आरपीएफ जवान थे शामिल।
आरक्षक संदीप तिवारी पिता चंद्रिका प्रसाद तिवारी, जबलपुर का बिल्डर सौरभ पिता वीरेंद्र शर्मा, साधना न्यूज संभागीय ब्यूरो चीफ सचिन राव, पूर्व बीजेपी पार्षद नरेंद्र वर्मा शामिल।
जबलपुर |ट्रेन में व्यापारी को खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर डराने एंव धोखाधड़ी कर रुपये ऐंठने वाले चार आरोपियों को खंडवा जीआरपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ट्रेन में सफर कर रहे एक व्यापारी के पास पांच लाख रुपये होने पर उसे डराया। इसके बाद साढ़े तीन लाख रुपये उससे ऐंठ लिए थे। रेलवे पुलिस ने आरपीएफ आरक्षक संदीप तिवारी पुत्र चंद्रिका प्रसाद तिवारी निवासी न्यू शोभापुर कालोनी, जबलपुर, मीडियाकर्मी सचिन राव पुत्र लक्ष्मण राव निवासी ग्वारीघाट रोड नर्मदा नगर जबलपुर, पूर्व पार्षद नरेंद्र वर्मा पुत्र ओपी वर्मा निवासी शीतला माई वार्ड जबलपुर, बिल्डर सौरभ पुत्र वीरेंद्र शर्मा निवासी शीतला माई वार्ड घमापुर जबलपुर को गिरफ्तार किया है। इनके पास से साढ़े तीन लाख रुपये भी जब्त किए गए हैं। गिरफ्तारी के बाद जबलपुर के चारों आरोपियों को जमानत पर छोड़ दिया हैं।
भोपाल रेल एसपी हितेश चौधरी ने बताया कि, 22 अक्टूबर की रात को ट्रेन क्रमांक 02168 वाराणसी एलटीटी एक्सप्रेस में जबलपुर निवासी कृष्णकांत पिता गौतम प्रसाद पटेल उम्र 35 वर्ष मुंबई के लिए यात्रा कर रहा था। इस दौरान रेल्वे स्टेशन बुरहानपुर आने से पहले दो अज्ञात व्यक्ति आए और खुद को क्राइम ब्रांच का अफसर बताया और आधार कार्ड, टिकट लेकर जबरदस्ती बैग खुलवाया, जिसमें 5 लाख रुपए थे। रुपए नहीं देने पर व्यापारी को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। व्यापारी को ट्रेन के बाथरूम में ले जाकर डराया धमकाया और साढ़े 3 लाख रुपए ले लिए, व्यापारी ने मुंबई से वापस आने के बाद जबलपुर में अपने दाेस्तों को घटित हुई घटना से अवगत कराया, उन्होंने जीआरपी थाने में शिकायत करने के बारे में समझाया। 24 अक्टूबर को जबलपुर में शिकायत की थाना जीआरपी खंडवा में प्रकरण दर्ज किया गया।
खंडवा जीआरपी थाना प्रभारी बबीता कठेरिया
खंडवा जीआरपी थाना प्रभारी बबीता कठेरिया ने बताया कि, आरोपियों की गिरफ्तारी और माल की बरामदगी के लिए टीम बनाई, टीम ने मुखबिर सूचना, विवेचना एवं तकनीकी विश्लेषण करके नकली क्राइम ब्रांच के कर्मचारी बनकर धोखाधड़ी करने वालों को पता लगाया, चार आरोपियों में जबलपुर में पदस्थ आरपीएफ आरक्षक संदीप तिवारी पिता चंद्रिका प्रसाद तिवारी, जबलपुर का बिल्डर सौरभ पिता वीरेंद्र शर्मा, साधना न्यूज का संभागीय ब्यूरो चीफ सचिन राव एवं पूर्व बीजेपी पार्षद नरेंद्र वर्मा शामिल था।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपी नरेंद्र वर्मा की नजर स्थानीय व्यापारियों के पैसे के आवागमन पर लंबे समय से थी। उसने ही फरियादी कृष्णकांत पटेल के व्यवसायिक आवागमन पर नजर रखने के लिए कुछ लोगों को लगा रखा था। जब कृष्णकांत पटेल ट्रेन में पैसा लेकर जाने के लिए तैयार हुआ तो उसने यह सूचना आरोपी सचिन राव से शेयर की सचिन राव को जबलपुर से खंडवा तक फरियादी पर नजर रखने के लिए नियुक्त किया।आरोपी सचिन राव ने खंडवा तक कृष्णकांत पर नजर रखी और उसके बाद आरपीएफ आरक्षक संदीप तिवारी और सौरव शर्मा ने खंडवा से उस ट्रेन की यात्रा शुरू की और कृष्णकांत से गांजा आदि के झूठे केस में फंसाने की धमकी देते हुए पैसे ले लिए।