भोपाल। केरल में जीका वायरस (Zika virus) के 14 मरीज मिलने के बाद मध्य प्रदेश में हाई अलर्ट (High Alert) कर दिया गया है. स्वास्थ विभाग ने अलर्ट जारी कर सभी जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. विभाग की एनबीडीसीपी शाखा ने गाइडलाइन में सभी जिलों को जीका के मामलों पर विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा है. जीका के संदिग्ध लक्षणों वाले मरीज पर निगाह रखने के लिए निर्देश भी दिए गए हैं. 2018 में प्रदेश में जीका के मामले सामने आए थे. वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने इसे खतरनाक वायरस बताया है और प्रदेशवासियों से सावधान रहने की अपील भी की है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैं प्रदेश वासियों से अपील करना चाहता हूं कि सावधान रहें. मध्यप्रदेश में पॉजिटिव प्रकरण कम आ रहे हैं. एक्टिव केस 392 बचे हैं. उन्होंने कहा कि जीका वायरस, डेल्टा प्लस वेरिएंट इतने खतरनाक है. यह एक बार फिर से शुरू हो गया तो बाद में बहुत कठिनाई होगी. सरकार हरसंभव उपाय कर रही है. मैं रोज समीक्षा कर रहा हूं. टेस्ट भी हो रहे हैं. कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग भी हो रही है. आइसोलेशन बनाए जा रहे हैं. तीसरी लहर की तैयारी के लिए भी उपाय किए जा रहे हैं. सीएम ने कहा कि यह बहरूपिया वायरस रूप बदलता है. इसलिए सावधान रहने की जरूरत है. इसलिए जनता भी मास्क लगाएं, दूरी का पालन करें और उसको रोकने के लिए अनुकूल व्यवहार करें. हमारी क्राइसिस कमेटी अभी एक्टिव है. मेरा संवाद लगातार जारी है. जनता सहयोग करें हम मिलकर निपटेंगे.
भोपाल की जीका को लेकर तैयारी
जीका वायरस को लेकर कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा कि ज़ीका वायरस के साथ डेंगू और मलेरिया को लेकर हम अलर्ट हैं. स्वास्थ्य, महिला बाल विकास विभाग की टीम पूरे शहर में सर्वे कर रही है. दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है. ज़ीका का कोई भी केस भोपाल में सामने नहीं आया है. वहीं, उन्होंने कोरोना में पार्टी को लेकर कहा कि प्राइवेट फार्म हाउस और पुल में कमर्शियल पार्टीज़ पर रोक है. ऐसा करते कोई पाया जाएगा तो कार्रवाई होगी. साथ ही उन्होंने चिटफंड कम्पनियां पर कहा कि यह कंपनियां अगर किसी भी तरह का फ्रॉड करती हैं तो सख्त एक्शन होगा. केस रजिस्टर्ड कर लोगों के पैसे दिलाने का काम कर रहे हैं.
क्या है जीका वायरस
डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की ही तरह जीका भी मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारी है. जीका का पहला मामला अफ्रीका में 1947 में सामने आया था. जीका के केसेज उस वक्त सुर्खियों में आए जब 2015 में ब्राजिल में जीका का कहर देखने को मिला और देखते ही देखते यह माहमारी भारत तक पहुंच गई. वैसे तो जीका वायरस एडीज मच्छर से फैलता है. यह प्रभावित व्यक्ति के साथ सेक्शुअल संपर्क बनाने की वजह से भी फैल सकता है. 2016 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने जीका को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था. गर्भवती महिलाओं के साथ ही होने वाले बच्चे पर भी जीका का खतरा अधिक बना रहता है.
ऐसे पहचाने वायरस को
डेंगू की ही तरह जीका का भी पहला और सबसे अहम लक्षण है बुखार. इसे तुरंत डायग्नोज करना बेहद मुश्किल है. बहुत से मरीज इसे फ्लू के लक्षण समझ लेते हैं और उन्हें पता ही नहीं होता कि वे जीका से संक्रमित हो चुके हैं. जिस वजह से इलाज में देरी होती है और मौत का खतरा बढ़ जाता है. जीका के लक्षण बुखार रहे नाक बहना सिर दर्द रैशेज हों.