सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पत्रकार गौरी लंकेश की बहन कविता की याचिका पर नोटिस जारी कर सभी पक्षों से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट की ओर से बुधवार को जारी किए जाने वाले फैसले पर रोक लगाने की मांग पर आदेश नहीं दिया है. सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का जवाब कर्नाटक सरकार समेत अन्य पक्षों को 15 जुलाई तक देना होगा.
पत्रकार गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. याचिका में कविता लंकेश ने मांग की है कि गौरी लंकेश हत्या कांड की जांच को एमएम कलबुर्गी, नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की जांच के साथ जोड़ दिया जाए. साथ ही पूरी जांच प्रक्रिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया जाए.
दरअसल कर्नाटक हाईकोर्ट ने गौरी लंकेश हत्या केस में आरोपी मोहन नायक के खिलाफ कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (KCOCA) के तहत लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया था. ऐसे में आरोपी इसे आधार बनाकर जमानत न लेने पाए, इसके लिए कविता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती
पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड मामले में कविता ने कर्नाटक हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती दी है. गौरी लंकेश की 2017 में बेंगलुरु में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कविता लंकेश की ओर से पेश वकीलों ने कोर्ट से कहा कि मामले में आरोपी नंबर 6 मोहन नायक जमानत लेने के लिए कोर्ट के फैसले पर भरोसा दिखा रहा है. बेंच ने इस पर कहा कि जमानत अर्जी पर फैसले से जांच प्रभावित नहीं होगी.
कौन थीं गौरी लंकेश?
गौरी लंकेश अपने तीखे आलेखों की वजह से हमेशा कट्टरपंथियों के निशाने पर रहती थीं. उनका जन्म कर्नाटक में 29 जनवरी 1962 को हुआ था. उनके पिता पी लंकेश भी कन्नड़ के प्रसिद्ध लेखक, कवि और पत्रकार थे. 5 सितंबर 2017 को बेंगलुरु में उन्हें उस वक्त मार दिया गया था, जब वे राज राजेश्वरी नगर स्थित अपने घर पर थीं. हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं थीं. मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी. उनकी हत्या पर देशभर में उबाल देखने को मिला था और बुद्धीजीवी वर्ग ने इस हत्याकांड पर देशव्यापी रोष जताया था.