मुंबई। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (National Company Law Tribunal) ने मंगलवार को जेट एयरवेज (Jet Airways) के लिए जालान कलरॉक गठजोड़ की दिवाला समाधान योजना को मंजूरी दे दी। जेट एयरवेज दो साल से दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है। विमानन कंपनी ने अप्रैल, 2019 में परिचालन को निलंबित कर दिया था। जेट एयरवेज के ऋणदाताओं की समिति (COC) ने अक्टूबर, 2020 में ब्रिटेन स्थित कलरॉक कैपिटल और यूएई स्थित उद्यमी मुरारी लाल जालान के गठजोड़ द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दी थी। एनसीएलटी ने जून, 2019 में भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले ऋणदाताओं के समूह द्वारा Jet Airways के खिलाफ दायर दिवाला याचिका को स्वीकार किया था।
1,375 करोड़ रुपये कैश निवेश करने का प्रस्ताव
रिजॉल्यूशन प्लान के अनुसार, सफल बोलीकर्ता ने जेट एयरवेज के रिवाइवल के लिए 1,375 करोड़ रुपये कैश निवेश करने का प्रस्ताव रखा है। इसमें कहा गया है कि एनसीएलटी की मंजूरी मिलने के बाद छह महीने के भीतर 30 एयरक्राफ्ट्स के साथ एयरलाइन फिर से कामकाज शुरू कर देगी। बता दें कि एनसीएलटी ने जून, 2019 में भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले ऋणदाताओं के समूह द्वारा Jet Airways के खिलाफ दायर दिवाला याचिका को स्वीकार किया था।
कंपनी के शेयर में उछाल
एनसीएलटी की मंजूरी के बाद जेट एयरवेज के शेयर में उछाल देख जा रहा है। दोपहर 2.40 बजे यह 4.96 फीसदी ऊपर 99.45 के स्तर पर पहुंच गया। कारोबार के दौरान इसमें पांच फीसदी का अपर सर्किट भी लगा।