सोशल मीडिया की नई गाइडलाइन पर केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ये गाइडलाइन अचानक नहीं आई हैं, ये काम पिछले 3-4 साल से चल रहा था। इन गाइडलाइन का संबंध सोशल मीडिया के उपयोग से नहीं, सोशल मीडिया के दुरुपयोग से है। ताकि जब इनका दुरुपयोग किया जाए तो लोग शिकायत कर सकें।
भारत के संविधान और कानून का पालन करना पड़ेगा
समाचार एजेंसी एएनआई हिंदी के मुताबिक, रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि 25 मई को 3 महीने की अवधि पूरी हो गई मैंने फिर भी कहा कि ट्विटर को एक अंतिम नोटिस और दो। 3 पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए आपको बहुत बड़ी परीक्षा आयोजित करनी है? व्यापार करो, आपके यूजर्स सवाल पूछे उसका स्वागत है लेकिन भारत के संविधान और कानून का पालन करना पड़ेगा।
आलोचना का स्वागत किया
जब भारतीय कंपनियां अमेरिका या दूसरे देशों में आईटी बिजनेस करने जाती हैं क्या वो अमेरिका या दूसरे देशों के कानूनों का पालन करती हैं या नहीं? आपको भारत में व्यापार करना है, प्रधानमंत्री और हम सबकी आलोचना करने के लिए आपका स्वागत है। लेकिन भारत के संविधान, नियमों का पालन करना होगा।
ट्विटर से पूछा ये सवाल
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर ट्विटर का एक ट्वीट को मैनिपुलेटेड या अनमैनिपुलेटेड ट्वीट घोषित करने के लिए नियम है तो ये गाजियाबाद मामले में लागू क्यों नहीं हुआ।
ट्विटर ने खो टिया ये स्टेटस
जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत में ये पहली बार हुआ जब इस तरह के किसी मामले में किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सीधे-सीधे आरोपी बनाया गया है और उस पर एफआईआर दर्ज की गई है। फर्जी खबर के कारण ट्विटर ने अपना इंटरमीडियरी स्टेटस खो दिया है।