वायु सेना और नौसेना ने अमेरिकी नौसेना के साथ मिलकर दो दिन तक समुद्र में गहन अभ्यास किया और एक दूसरे के साथ रणनीतिक महत्व के अनुभवों को साझा किया। दोनों के बीच यह एकीकृत द्विपक्षीय अभ्यास गुरूवार को हिन्द महासागर क्षेत्र में संपन्न हुआ जिसमें अमेरिकी नौसेना के विमानवाहक पोत रोनाल्ड रेगन ने अपने लड़ाकू विमानों के साथ हिस्सा लिया। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच समुद्री संचालन को बढाना और रक्षा क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाना है। इसमें एयर डोमिनेंस अभ्यास, उन्नत हवाई रक्षा अभ्यास , पनडुब्बी रोधी अभ्यास, सामरिक करतबाजी और डेक पर हेलिकॉप्टर संचालन शामिल था।
नौसेना की ओर से अभ्यास में निर्देशित मिसाइल से लैस स्टील्थ विध्वंसक कोच्चि , निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट तेग, लड़ाकू विमान मिग 29 के, टोही विमान पी 8 आई, सीकिंग 42 बी और कामोव हेलिकॉप्टर शामिल हुए। वायु सेना के जगुआर और सुखोई -30 , अवाक्स प्रणाली और हवा से हवा में ईंधन भरने वाले विमानों ने अपने जौहर दिखाये। अमेरिकी वायु सेना की ओर से रोनाल्ड रेगन ने अपने लड़ाकू विमानों एफ 18, ई 2 डी एईडब्ल्यू एंड सी विमान तथा एएसडब्ल्यू हेलिकॉप्टरों और एरलिग बर्के श्रेणी के मिसाइल विध्वंसक यूएसएस हेल्सी आदि ने हिस्सा लिया।
यह अभ्यास दोनों देशों के बीच सहयोग बढाने और सैन्य साझीदार के तौर पर साझा मूल्यों को मजबूत बनाने की दिशा में मील के पत्थर की तरह है। इसकी समुद्र में मुक्त नौवहन और समावेशी हिन्द प्रशांत तथा नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।