धनिया या कोथमीर भारतीय रसोई में प्रयोग की जाने वाली एक सुंगंधित हरी पत्ती है। मारवाडी भाषा में इसे धोणा कहा जाता है। सामान्यतः इसके पत्तो का उपयोग सब्ज़ी की सजावट और ताज़े मसाले के रूप में किया जाता है। इसके बीज को सुखाकर सूखे मसाले की तरह प्रयोग किया जाता है। धनिया 2 तरह की होती हैं देशी धनिया इसमें स्वाद और खुशबू ज्यादा होती है ये बाजारों में दिसम्बर से फरवरी तक ही खाने के लिए उपलब्ध होती है हायब्रीड धनि ये बाजारों में ज्यादा देखने को मिलती है लेकिन स्वाद ओर खुशबू में ज्यादा अच्छी नहीं होती।देशी धनिया
धनिया के कच्चे पत्तों में विटामिन A, C और K के गुण मौजूद है और इसके बीज में - फाइबर, कैल्शियम, कॉपर, आयरन
धनिये के औषधीय गुण
रक्तस्त्राव में प्रयोग
जिन महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान ज्यादा रक्तस्त्राव होता है वे धनिया के पत्तियों का रस निकाल कर 4-5 चम्मच रस में चने के आकार के बराबर खाने वाला कपूर मिलाकर सेवन करें, अत्यंत लाभ होगा। कंठमाला के रोग में
जिन लोगों को कंठमाला है, गला बढ़ जाता है या टांसिल बढ़ जाता है, उस स्थिति में यदि धनिये के बीज को पीसकर गेहूँ का आटा मिलाकर लेप करते है तो टांसिल में लाभ होगा और गले की सूजन भी कम हो जाती है।
गले में दर्द के लिए
यदि आपके गले में दर्द रहता है तो 4-5 दाने धनिये के और 1-2 कालीमिर्च लेकर धीरे-धीरे चबाए और उससे निकलने वाली लार को अंदर लेते रहे, इससे गले का दर्द ठीक होगा। यदि आवाज बैठी हुई है तो उसके लिए भी बहुत लाभकारी है।
सिर दर्द के लिए
गर्मी में यदि आप सिर दर्द से परेशान है तो 1 चम्मच धनिया और 1 चम्मच आंवले के पाउडर को रात भर मिट्टी के बर्तन में पानी में भीगाकर रख दे। सुबह उसे मसलकर छान लें और शहद मिलाकर पियें। इससे पेट ठीक रहेगा और सिर दर्द भी ठीक हो जाएगा।