कोलकाता। कोलकाता पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस सांसद मिमी चक्रवर्ती की शिकायत के आधार पर शहर के दक्षिणी छोर पर स्थित कस्बा नामक इलाके में कथित तौर पर फर्जी टीकाकरण शिविर चलाने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अभिनेत्री व पॉलिटिशियन मिमी को शक तब हुआ, जब बुधवार शाम को कैंप से टीका लगवाने के बाद भी उन्हें कोई आधिकारिक कन्फर्मेशन मैसेज नहीं मिला। इसके बाद मिमी ने पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने तुरंत दक्षिण कोलकाता से देबांजन देव को गिरफ्तार कर लिया, जिसने कथित तौर पर खुद को एक आईएएस अधिकारी बताते हुए हजारों की तादात में लोगों के टीकाकरणों को अंजाम दिया। अब सवाल यह उठ रहा है कि इन्हें दी गई टीके की खुराक असली थी या नकली। ऐसे में फिलहाल इस शिविर को लेकर एक बड़ी जांच की जाएगी।
मिमी ने कहा कि शिविर में मुख्य अतिथि बनने को लेकर उनसे संपर्क किया था और उन्होंने वहां जाकर अपना टीकाकरण भी कराया ताकि लोगों को इस दिशा में प्रेरित कर सके। इस कैंप में कई 250 लोगों ने टीका लगवाया है।
मिमी कहती हैं, "लोगों को टीकाकरण के लिए उत्साहित करने के लिए मैंने कैंप में कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक ली। लेकिन मुझे कोविन से कोई कन्फर्मेशन मैसेज नहीं मिला।"
मिमी ने पाया कि कोविड में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लोगों से आधार कार्ड के डिटेल्स लिए जा रहे हैं, लेकिन वैक्सीन लेने के बाद किसी को कोई मैसेज नहीं आ रहा है। पुलिस अब लोगों को दिए गए खुराकों की जांच कर रही है। पता लगाया जा रहा है कि क्या इन वैक्सीनों की एक्सपायरी डेट आगे निकल गई थी या नहीं। नकली वैक्सीन के मामले की संयुक्त रूप से जांच कर रही कोलकाता पुलिस और केएमसी को पता चला है कि देव ने एमहस्र्ट स्ट्रीट सिटी कॉलेज में एक और कैंप लगाया था, जहां प्रोफेसरों और उनके परिवारों सहित 70 लोगों को टीका लगाया गया था।
पुलिस को यह भी पता चला है कि कस्बा न्यू मार्केट का यह कैंप पिछले 12 दिनों से चल रहा था और 1,000 से ज्यादा लोगों को यहां टीका लगाया गया है। डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की एक टीम कस्बा न्यू मार्केट पहुंच गई है, जहां टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया था । उनके द्वारा हर उस परिवार के सदस्यों की जांच की जाएगी जिन्होंने यहां से टीकाकरण कराया है। देखा जाएगा कि टीके का कोई साइड इफेक्ट हुआ है या नहीं।
केएमसी के एक अधिकारी ने कहा, लोगों ने हमें बताया है कि उन्हें कोविशील्ड और स्पुतनिक-वी दिया गया था, लेकिन हमें यह समझ में नहीं आ रहा है कि उन्हें शीशियां कहां से मिली हैं, क्योंकि हमने तो इनका आवंटन नहीं किया है। अधिकारी ने आगे बताया, "हमने नैदानिक परीक्षणों के लिए शीशियों को भेज दिया है। अब रिपोर्ट के आने का इंतजार है।"