कोरोना महामारी के दौरान हरिद्वार में कुंभ के दौरान स्नान करने वाले श्रद्धालुओं और यात्रियों के साथ स्थानीय लोगों की कोरोना जांच रिपोर्ट को लेकर बड़ी गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। जिसकों लेकर जिला प्रशासन ने एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। जो इन आरोपों की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हरिद्वार जिला प्रशासन ने कुंभ मेले के दौरान निजी लैब के द्वारा फर्जी कोरोना रिपोर्ट जारी करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आरोप है कि कुंभ मेले में उत्तराखंड सरकार की ओर से लगाई गई निजी लैब के द्वारा फर्जी कोरोना रिपोर्ट जारी की गईं।
हरिद्वार के डीएम सी रविशंकर ने कहा कि जो भी इस जांच में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आगे कहा कि चाहे कोई कितना बड़ा अधिकारी हो या फिर छोटा कर्मचारी किसी को बख्शा नहीं जाएगा। सख्त कार्रवाई होगी।
अगर एक लैब में फर्जीवाड़ा पाया जाता है तो सभी की जांच की जाएगी। डीएम ने सीडीओ सौरभ गहरवार को जिम्मेदारी सौंपी है। इस मामले के सामने आने के बाद स्वास्थय सचिव ने डीएम को जांच करने के आदेश दिए। बता दें कि साल 2021 में हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया गया था। एक अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच आयोजन हुआ था। इस दौरान कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए समय को 3 से एक महीना कर दिया गया। इसके बाद कई आखाड़ों ने समापन एलान कर दिया। जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा की एक प्राइवेट लैब पर कोरोना टेस्टिंग में फर्जीवाड़ा करने के आरोप लगे हैं। जिसने लोगों को फर्जी रिपोर्ट दी है।