केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) शैक्षणिक सत्र 2021-22 से अपने स्कूलों में कोडिंग और डाटा साइंस के कोर्स शुरू करने जा रहा है। इन दोनों नए कोर्स का मकसद बच्चों की तार्किक क्षमता को बढ़ाना है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को ट्वीट कर इसकी घोषणा की।
निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत हमने यह वादा किया था कि स्कूलों के पाठ्यक्रमों में कोडिंग और डाटा साइंस को भी शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि सीबीएसई सत्र 2021 से इस वादे को पूरा करने जा रहा है। माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से सीबीएसई भारत की भावी पीढ़ियों को नए जमाने के कौशल सिखाकर सशक्त बना रहा है।’’
सीबीएसई ने संबद्ध स्कूलों को इस संबंध में जारी दिशानिर्देश में कहा है कि कोडिंग को कक्षा 6 से 8 तक में 12 घंटे के स्किल मॉड्यूल के तौर पर शामिल किया जाएगा। इससे छात्र-छात्राओं की तार्किक क्षमता भी बढ़ेगी तथा वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में जान सकेंगे।
बोर्ड ने कहा कि डाटा साइंस विषय को 8वीं कक्षा में 12 घंटे के स्किल मॉड्यूल के तौर पर शामिल किया जायेगा और 11वीं-12वीं में इसे कौशल (स्किल) विषय के तौर पर शामिल किया जाएगा।
सीबीएसई ने कहा कि डाटा साइंस विषय से छात्रों को समस्या समाधान तथा आंकड़ा या डाटा जुटाने एवं संग्रहित करने के बारे में जानकारी मिलेगी तथा उन्हें यह पता चलेगा कि उसका विश्लेषण करके कैसे निर्णय किया जाता है।
बोर्ड का कहना है कि जो स्कूल 11वीं में स्किल विषय के तौर पर इन विषयों को शामिल करने के लिए आवेदन करेंगे, उन्हें कोई फीस का भुगतान नहीं करना है। माइक्रोसॉफ्ट की मदद से दोनों विषयों के अध्ययन सामग्री और किताबें तैयार की गई हैं।