VIDEO - महाकौशल क्षेत्र के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर का आज रविवार को हुआ शुभारंभ। - Jai Bharat Express

Jai Bharat Express

Jaibharatexpress.com@gmail.com

Breaking

VIDEO - महाकौशल क्षेत्र के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर का आज रविवार को हुआ शुभारंभ।

महाकौशल अंचल के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर का हुआ शुभारंभ 43 मरीजों ने उपचार हेतु कराया पंजीयन।


वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर स्थापित इस कोविड केयर सेंटर को जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों एवं जनसहयोग से तैयार किया गया है।




जबलपुर | कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए माढ़ोताल क्षेत्र में जिले ही नहीं बल्कि महाकौशल क्षेत्र के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर का आज रविवार को शुभारंभ हुआ। वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर स्थापित इस कोविड केयर सेंटर को जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों एवं जनसहयोग से तैयार किया गया है। अत्याधुनिक चिकित्सकीय सुविधाओं से युक्त इस कोविड केयर सेंटर का शुभारंभ सांसद राकेश सिंह सहित विधायक अजय विश्नोई, सुशील इंदु तिवारी, अशोक रोहाणी, नंदनी मरावी, लखन घनघोरिया, विनय सक्सेना, संजय यादव व रानू तिवारी ने रानी दुर्गावती के तेल चित्र पर माल्र्यापण कर एवं दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक  सिद्धार्थ बहुगुणा तथा शहर के निजी अस्पतालों के संचालक भी उपस्थित थे। 

कोविड केयर सेंटर का शुभारंभ करने के बाद सांसद राकेश सिंह सहित उपस्थित सभी विधायकों और अधिकारियों ने यहां की गई व्यवस्थाओं और उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण भी किया। उल्लेखनीय है कि वर्तमान कोरोना की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए जिले में एक बड़े कोविड केयर सेंटर की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, जिसके तारतम्य में सांसद के विशेष प्रयासों से माढ़ोताल क्षेत्र स्थित डी-मार्ट में जगह चिन्हित कर 500 बेड का अत्याधुनिक कोविड केयर सेंटर तैयार किया गया। 

सभी की भागीदारी और सांसद राकेश सिंह की विशेष रूचि की वजह से काफी अल्प समय में तैयार इस कोविड केयर सेंटर की शुरूआत में ही 43 कोरोना संक्रमितों ने यहां अपना उपचार कराने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इस कोविड केयर सेंटर में एसिम्टोमेटिक या कोविड के कम लक्षण वाले मरीजों को रखा जायेगा। वर्तमान में 50 बेड ऑक्सीजन कंसंटेटर लगे हैं और धीरे-धीरे इसका विस्तार भी किया जायेगा। इस कोविड केयर सेंटर में नर्सिंग स्टॉफ की व्यवस्था भी की गई है। प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों का इसमें सहयोग बड़े लेबल पर मिला है और उन्होंने चिकित्सकों की व्यवस्था किये हैं।