कोलकाता: पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के रुझानों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की डबल सेंचुरी के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का पहला बयान सामने आया है। निर्वाचन आयोग ने भाजपा के 80 के लगभग सीटों पर ही सिमटने को लेकर कहा कि उन्हें इस बात का अनुमान था। इसके साथ ही प्रशांत ने चुनाव आयोग पर भी हमला बोलते हुए पक्षपात का आरोप लगाया है।
पीके ने कहा कि, 'निर्वाचन आयोग की तरफ से पक्षपात के चलते भाजपा ऐसी स्थिति में आ सकी है। अगर आयोग ने निष्पक्षता के साथ काम किया होता तो ऐसा नहीं होता। आयोग ने अपने सिस्टम के माध्यम से भाजपा को समर्थन देने का काम किया था। उसके चलते ही चुनाव अधिक से अधिक चरणों में कराया गया था। यह चुनाव 10 या 15 दिनों में ही कराया जा सकता था, किन्तु दो महीने का वक़्त लिया गया।'
प्रशांत किशोर ने एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा कि, 'मुझे खुशी है कि राज्य में ध्रुवीकरण के मुद्दे काम नहीं किए हैं। इससे स्पष्ट है कि ध्रुवीकरण की सीमा है और पता चलता है कि आखिर भाजपा के खेमे में कितने मत जा सकते हैं। साफ है कि आप केवल ध्रुवीकरण के भरोसे ही चुनाव नहीं जीत सकते।' प्रशांत किशोर ने कहा कि ममता बनर्जी पर मुस्लिमों से एकजुट होकर वोट की अपील करने पर नोटिस मिला था। अगर ऐसा ही है तो फिर भाजपा के प्रत्येक नेता को नोटिस मिलना चाहिए था।