नई दिल्ली:केंद्रीय श्रम मंत्रालय (Labour ministry) ने कोविड-19 महामारी (COVID-19) के बीच कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त सहूलियतों का ऐलान किया है. श्रम मंत्रालय के इस ऐलान के बाद COVID-9 महामारी से मरने वाले ESIC के बीमा धारकों के आश्रितों के लिए पेंशन की सुविधा का ऐलान किया है. इसके अलावा ईपीएफओ द्वारा संचालित समूह बीमा योजना में कर्मचारी द्वारा जमा सम्बद्ध बीमा योजना (EDLI) के तहत सुनिश्चित 6 लाख रुपये की रकम को बढ़ाकर अब 7 लाख रुपये भी करने का ऐलान कर दिया गया है.
श्रम मंत्रालय के अनुसार मिनिस्ट्री ने देश में कोविड-19 महामारी की वजह से लगातार बढ़ती मौत की घटनाओं को देखते हुए यह फैसला लिया है. मंत्रालय ने कर्मचारियों में अपने परिवार के सदस्यों की सलामती को लेकर भय और चिंता से निपटने के लिए ESIC और EPFO स्कीम के जरिए कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त लाभ देने का ऐलान किया है. इसमें कहा गया कि नियोक्ताओं पर किसी भी तरह का अतिरिक्त खर्च डाले बिना कर्मचारियों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उपाय किए गए हैं.
कोरोना और ब्लैक फंगस को देखते हुए सरकार ने किया ऐलान
श्रम मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा है कि कोविड-19 की दूसरी लहर से अपने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए ईपीएफओ ने अपने सदस्यों को दूसरा नॉन रिफंडेबल कोविड-19 एडवांस निकालने की मंजूरी दे दी है. इसके मुताबिक जैसे पिछले साल लोगों ने अपने पीएफ अकाउंट से कोरोना महामारी से जुड़े खर्चों को निपटाने के लिए एडवांस पैसे निकाले थे वैसे ही इस बार भी वो अपने पीएफ का पैसा एडवांस निकाल सकते हैं. मंत्रालय ने कहा है कि देश में मौजूदा कोरोना संकट के साथ साथ ब्लैक फंगस के असर को देखते हुए इस राहत का ऐलान किया गया है.
अब तक इतने उपभोक्ताओं ने उठाया फायदा
मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक कोविड-19 एडवांस से महामारी के दौरान ईपीएफ के सदस्यों को काफी मदद मिली है. इस योजना के मुताबिक ऐसे सदस्यों को खासकर ज्यादा फायदा हुआ है जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है. अब तक देश के 76.31 लाख कर्मचारियों ने इस योजना का लाभ उठाते हुए कोविड-19 नॉन-रिफंडेबल एडवांस ले लिया है. इन कर्मचारियों ने एडवांस के तौर पर 18,698.15 करोड़ रुपए की राशि की निकासी की है. इस योजना पर ध्यान देते हुए ईपीएफओ ने तेजी से काम किया है और महज तीन दिनों में ही उपभोक्ताओं के खातों में पैसे भेजे हैं.