भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का कहर जारी है और इस दौरान वैक्सीनेशन की धीमी गति को लेकर सरकार लगातार नियमों में बदलाव कर रही है। टीकाकरण पॉलिसी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि अब कार्यस्थल पर कर्मचारियों के परिवारों के सदस्य भी टीका लगवा सकेंगे। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी केंद्र सरकार पर वैक्सीनेशन की धीमी गति को लेकर आरोप लगाया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने औद्योगिक और कार्यस्थलों पर कर्मचारियों के परिवारों को टीकाकरण करने की मंजूरी दे दी है। अब इस फैसले से टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी। वहीं सरकारी कार्यस्थल सीवीसी के लिए 45 साल से ज्यादा उम्र के लाभार्थियों को मुफ्त टीके की खुराक के माध्यम से शामिल किया जा सकता है।
निजी अस्पतालों को खरीदनी होगी खुराक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा गया है कि औद्योगिक और निजी कार्यस्थल के लिए टीके की खुराक उन निजी अस्पतालों को खरीदनी होगी। जिनके साथ संबंधित नियोक्ता जुड़ा हुआ है। इसके अलावा मंत्रालय ने आगे यह भी कहा कि उन परिवार के सदस्यों और आश्रितों को भी टीकाकरण में शामिल किया जाएगा। जो सीवीसी और कार्यस्थल सीवीसी में शामिल है।
वहीं दूसरी तरफ मंत्रालय ने कहा कि 18 साल से लेकर 44 साल की उम्र के सभी लाभार्थियों को टीके निर्माताओं से संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के द्वारा सीधे खरीदे गए टीके की खुराक के माध्यम से शामिल किया जा सकता है। वहीं कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर टीकाकरण की धीमी गति को लेकर निशाना साधा है।
कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने कहा कि अगर लोगों को तेजी से टीका नहीं लगाया जाता है। तो ऐसे में तीसरी लहर की महामारी को देश में आने से नहीं रोका जा सकता है। तीसरी लहर को रोक पाना संभव नहीं होगा। लेकिन उन्होंने इस दौरान ट्वीट कर यह भी लिखा कि टीका नहीं है। सबसे निचले स्तर पर जीडीपी है। कोविड से सबसे अधिक मौतें हो रही हैं। भारत सरकार का इस पर जवाब क्या है। पीएम रो देते हैं।