इंदौर: कोरोना संक्रमण के बाद अब इंदौर में ब्लैक फंगस का कहर छा रहा है. एमवाय अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने लगी है और इस वजह से यहाँ सर्जरी के लिए एंडोस्कोपी मशीनें कम पड़ने लगी हैं। इस समय यहां इस बीमारी के 167 मरीज भर्ती हैं और जिन मरीजों को नाक व साइनस में फंगस का संक्रमण बढ़ रहा है, उनमें एंडोस्कोपी के माध्यम से ईएनटी सर्जन फंगस निकाल रहे हैं। इस समय यहां दो एंडोस्कोपी मशीनें हैं लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण ये मशीनें कम हो चुकी हैं। आप सभी को बता दें कि इस समय मेडिकल कालेज प्रबंधन दो मशीनें खरीदने की कोशिश में लगा हुआ है.
कहा जा रहा है इनके आने पर मरीजों की सर्जरी की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। इस समय ईएनटी विभाग के 20 से ज्यादा चिकित्सकों की टीम प्रतिदिन मरीजों की नाक व साइनस से फंगस निकालने में जुटे हैं। आपको बता दें कि एमजीएम मेडिकल कालेज की नाक-कान-गला रोग विभाग की एचओडी डा. यामिनी गुप्ता का कहना है, ''आज यानी शनिवार तक दो मशीनें आ जाएंगी। अभी रोज दूरबीन पद्धति से सात-आठ मरीजों के फंगस निकाले जा रहे हैं।'' वहीं दूसरी तरफ एमजीएम मेडिकल कालेज के डीन डा. संजय दीक्षित का कहना है कि, ''वर्तमान में एमवाय अस्पताल में 167 मरीज ब्लैक फंगस से ग्रसित हैं। इनमें से आठ ऐसे मरीज जो नान कोविड पाए गए थे उन्हें दूसरे अस्पताल में रखा गया है। ब्लैक फंगस से पीड़ित आठ नान कोविड मरीजों की कोविड हिस्ट्री ट्रेस करने के लिए एंटीबाडी टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं। मरीजों की जल्द से जल्द पहचान करने के लिए दो नवीन एंडोस्कोपी की मशीनें खरीदी जा रही हैं, जो जिले को शनिवार को प्राप्त हो जाएंगी।''
इसी के साथ उन्होंने बताया, ''ब्लैक फंगस ग्रसित 76 मरीजों की एंडोस्कोपिक सर्जरी एवं 48 मरीजों के अन्य सर्जिकल आपरेशन अभी तक किए जा चुके हैं।'' वही उनके अलावा एमवायएच के अधीक्षक डा. पीएस ठाकुर ने बताया कि ''अस्पताल में बनाए गए वार्ड में वर्तमान में 175 बेड उपलब्ध हैं जिन्हें आवश्यकता अनुरूप बढ़ाकर 200 तक किया जा सकेगा। ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के लिए एम्फोटेरिसन बी इंजेक्शन भी अभी उपलब्ध है।''