कोरोना लोगों में डर बनकर बैठ गया है। ये इस कदर फैला है कि जितने लोग कोरोना वायरस से जिंदगी हार नहीं रहे उससे ज्यादा डर की वजह से अपने परिजनों से दूर हो जा रहे है। इसलिए इस समय जितना हो सके पॉजिटिव सोचें और खुश रहें। क्योंकि चिंता में अन्य बीमारियां लोगों को होती जा रही हैं। यही नहीं इसी के कारण लोगों की फिजियोलॉजी बिगड़ रही है। इसका असर हॉर्मोन पर भी पड़ रहा है। खासतौर से पैंक्रियाज से निकलने वाले हॉर्मोन इंसुलिन पर प्रभाव अधिक है। जिससे अच्छे भले इंसान डायबिटीज के रोगी हो रहे हैं।
विशेषज्ञों का दावा है कि धीरे-धीरे यही तनाव शरीर की बी और डी लिम्फोसाइट्स कोशिकाओं को कम करने लगता है। इसी वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो रही है। सलाह दी जा रही है कि बीमारी को हावी न होने दें। क्योंकि इससे खून की जांचों में इम्यूनिटी के लिए जिम्मेदार कोशिकाएं कम मिल रही हैं या उनकी संख्या असंतुलित है। इससे दिक्कत खड़ी हो रही है।
किसी भी इंसान के खून की जांच कराने पर 50 फीसदी गड़बड़ी मिल रही है। इसी तरह विभिन्न अंगों मसलन गुर्दा, लीवर में भी दिक्कत खड़ी हो रही है। इन अंगों की बीमारियों को बढ़ने में इम्यूनिटी का अहम रोल है। इससे एक साथ इंसान कई समस्याओं से घिर रहा है।
किसी भी हाल में घबराने की जरूरत नहीं है।
खांसी और बुखार को हल्के में न लें।
डॉक्टर की सलाह पर इलाज शुरू करें।
इमरजेंसी में इलाज की तैयार करें। क्योंकि इस समय लापरवाही ही वायरस है और सावधानी वैक्सीन है।
हंसने से न सिर्फ सेहत अच्छी रहती है बल्कि नकारात्मक विचार भी दिमाग में नहीं आते। और तो और स्ट्रेस भी दूर होता है। कॉमेडी शोज और मूवीज़ देखें।
बिजी रखने से मतलब है खुद की पसंद का काम करें। कोई शौख हो तो उस पर फोकस करें। टीवी देखें, नई-नई चीज़ें सीखें। इंटरनेट पर ज्यादा समय गुजारते हैं तो यहां ज्ञान का भंडार है। पॉजिटिव और अच्छी नॉलेज लेने की कोशिश करें।
एक्टिविटीज कोई भी हो ये आपको तनाव और डिप्रेशन से दूर रखने का काम करती है। तो योग, प्राणायाम, बच्चों के साथ खेलना, कुकिंग, घर की साफ-सफाई जैसी एक्टिविटीज़ इस वक्त बेहद जरूरी कामों से एक है।