शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया है कि पार्टी का ध्यान कोविड-19 से निपटने पर नहीं है। भाजपा का ध्यान साल 2022 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों पर है। ताकि वह अपनी धूमिल हुई छवि को सुधारें और चुनाव जीतें। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव में कोई खास प्रदर्शन नहीं किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव जीतने में नाकाम रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपना ध्यान उत्तर प्रदेश की तरफ लगा दिया है। वहीं मराठी दैनिक समाचार पत्र में दावा किया गया है कि पीएम मोदी, अमित शाह सीएम योगी आदित्यनाथ ने 'मिशन उत्तर प्रदेश' पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, संपादकीय में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि भारत में सभी मुद्दे हल हो गए हैं। अब केवल एक ही काम बचा है चुनाव का ऐलान करना। चुनाव जीतने के लिए बड़ी रैलियां और रोड शो करना। आगे कहा गया है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि संसदीय लोकतंत्र में चुनाव महत्वपूर्ण है। लेकिन, क्या जो वर्तमान में देश में हालात हैं उसमे पहली प्राथमिकता चुनाव है?
संपादकीय में किया गया है हाल ही में पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और अन्य राज्य में चुनाव स्थगित करने या एक ही चरण में संपन्न कराने की मांग की गई थी। लेकिन बंगाल में विधानसभा के चुनाव आठ चरणों में कराए गए। जिसके कारण कोरोना न केवल पश्चिम बंगाल में फैला बल्कि पूरे देश में फैला।
भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कोरोना वायरस राष्ट्रीय आपदा है। इसका असर महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों पर पड़ना ही था। उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में बहते शवों को देखकर दुनिया की आंखों में आंसू आ गए। शिवसेना का कहना है कि अभी पूरा ध्यान कोरोना वायरस पर केंद्रित होना चाहिए।