मुम्बई। मल्लिका शेरावत फिल्मों में पहचान एक अभिनेत्री के साथ-साथ बोल्ड इमेज के लिए भी है। लोग उनकी कला के साथ शारीरिक सौन्दर्य को निहारते हैं। फिल्म ‘मर्डर’ में उनके कुछ दृश्य काफी चर्चा में रहे थे। मल्लिका ने एक साक्षात्कार में बताया है कि ‘मर्डर’ फिल्म के बाद उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। लोग उन्हें गिरी हुई औरत समझने लगे थे। फिल्म और बाहर के लोग एक अजीब नजरों से देखते थे। मल्लिका का कहना है कि अब दर्शकों का नजरिया बदल गया है।
2003 में मल्लिका शेरावत ने ‘ख्वाहिश’ में प्रमुख रोल के साथ फिल्मी दुनिया में कदम रखा था। उसी साल वह ‘मर्डर‘ में नजर आई थीं। दोनों फिल्मों में उनके बोल्ड दृश्य थे। इसके बाद बॉलीवुड में उनकी इमेज सेक्स सिंबल की बन गई थी। फिल्म से ज्यादा उस दृश्य के चर्चे थे। मल्लिका शेरावत ने बताया कि जब मैंने मर्डर (2004) में अभिनय की थी तो उन सीन्स के लिए नैतिक रूप से मेरी लगभग हत्या कर दी गई थी। मुझे गिरी हुई औरत की तरह समझा जाता था। जबकि यह फिल्म की जरूरत थी।
वर्तमान में फिल्मों में बोेल्ड दृश्य होना कॉमन हैं। लोगों का नजरिया बदल गया है। हमारा सिनेमा बदल गया है। आज जब मैं इसके बारे में सोचती हूं तो 50वें और 60वें दशक के सिनेमा से कोई मुकाबला नहीं कर सकता। हमारे पास औरतों को लिए हैरतंगेज रोल होते थे। हमारी फिल्मों में इस खूबसूरती की भारी कमी दिखती है। मैंने वैसे रोल के लिए सालों इंतजार किया है।
अनुराग बासू के निर्देशन में बनी फिल्म ‘मर्डर’ में मल्लिका ने सिमरन का रोल किया था। उसकी शादी एक ऐसे इंसान से हो जाती है जो हर वक्त काम में बिजी रहता है। यह रोल अस्मित पटेल ने अभिनय किया था। सिमरन अपने पुराने लवर सनी (इमरान हाशमी) से मिलती है और दोनों का अफेयर फिर से शुरू हो जाता है। सिमरन को अपराध बोध होता है और वह रिलेशनशिप खत्म कर देती है। सनी उसे किसी भी कीमत पर पाने की ठान लेता है। फिल्म अपने संदेश को देने में कामयाब रहती है।