नई दिल्ली, 19 मई। भारत में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के दैनिक मामलों में कमी दर्ज हुई है, लेकिन मौतों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। वहीं, दूसरी तरफ देश वैक्सीन की भारी कमी से जूझ रहा है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सरकार को एक ऐसा फॉर्मूला सुझाया है जिसे अपनाकर कम समय में अधिक मात्रा में वैक्सीन का उत्पादन किया जा सकता है।
नितिन गडकरी ने मंगलवार को सुझाव दिया कि कोरोना वायरस वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए कुछ और दवा कंपनियों को इसका उत्पादन करने की मंजूरी दी जानी चाहिए। विश्वविद्यालय के कुलपतियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि यदि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अन्य कंपनियों को वैक्सीन बनाने की अनुमति दें और उनसे उसके बदले रॉयल्टी लें तो फिर वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि यदि टीके की आपूर्ति के मुकाबले उसकी मांग अधिक होगी तो इससे समस्या खड़ी होगी। इसलिए मांग के हिसाब से 1 कंपनी के बजाय 10 और कंपनियों को वैक्सीन का उत्पादन करने में लगाया जाना चाहिए और इसके लिए टीका का पेटेंट हासिल करने वाली कंपनियों को दूसरी कंपनियों द्वारा 10 प्रतिशत रॉयल्टी का भुगतान किया जाना चाहिए।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान गडकरी ने कहा कि हर राज्य में दो तीन ऐसी लैब हैं जिनके पास वैक्सीन का निर्माण करने की क्षमता है। उनके पास वैक्सीन का उत्पादन करने के पर्याप्त संसाधन हैं और इन लैब्स का इस्तेमाल वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पेटेंट धारक कंपनियां इसे सेवा के तौर पर न करें बल्कि इसके लिए लैब्स से रॉयल्टी वसूलें और यह 15-20 दिनों में शुरू किया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि जब वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में बनने लगें तो उन्हें पहले घरेसू इस्तेमाल के लिए सप्लाई किया जाए इसके बाद वैक्सीन की अधिकता होने पर इनका निर्यात भी किया जा सकता है। नितिन गडकरी ने कहा कि, 'मैंने विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस बारे में बताया है। मैं पीएम मोदी से भी इस बारे में बात करूंगा।'