इस्पात मंत्रालय ने ऑक्सीजन उत्पादन पर यास तूफान के संभावित प्रभाव का आकलन करने के लिए 23 मई को उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के साथ मिल कर इस्पात क्षेत्र की सभी प्रमुख कंपनियों के साथ एक मीटिंग आयोजित की। इस मीटिंग में विद्युत मंत्रालय और संबंधित राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी मौदूज थे। ऐसा अनुमान लगाया गया कि केवल ओडिशा और पश्चिम बंगाल में स्थित संयंत्र ही प्रभावित होंगे। इसलिए यह सुनिश्चित करने की सभी कोशिश गई कि बिजली की आपूर्ति ठप न हो। यह योजना भी बनाई गई कि जो राज्य ओडिशा के कलिंगनगर और अंगुल संयत्रों पर निर्भर थे, वे अस्थायी रूप से 2 से 4 दिनों के लिए टाटा के जमशेदपुर संयंत्र से बिजली लेंगे।
इसकी पुष्टि हो गई है कि ओडिशा के अंगुल, कलिंगनगर और राऊरकेला में स्थित किसी भी स्टील प्लांट को बिजली आपूर्ति में कोई बाधा नहीं हुई। टाटा, जिनके प्लांट ओडिशा में हैं के प्रतिनिधियों ने पुष्टि की है कि टाटा स्टील प्लांटों के एलएमओ उत्पादन पर यास तूफान का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। कलिंगनगर, जमशेदपुर और अंगुल में सभी ऑक्सीजन संयंत्रों से एलएमओ का डिस्पैच बिना किसी बाधा के आम दिनों की तरह जारी रहा। कलिंगनगर पहुंचने वाले टैंकरों में कमी आई क्योंकि इन्हें जमशेदपुर होकर भेजा गया। यह आने वाले तूफान को देखते हुए आकस्मिकता योजना के अनुरूप था। दुर्गापुर, बर्नपुर और राऊरकेला के इस्पात संयंत्रों को भी पूरी तरह तैयार रखा गया था। सभी संबंधित संयंत्रों को ऐसी स्थिति से निपटने के लिए एसओपी दुहरा दिया गया था। स्टील उत्पादन या ऑॅक्सीजन आपूर्ति में कोई बाधा नहीं आई।
तूफान यास ने पूर्वी तटों पर जमकर मचाई तबाही
जानकारी के लिए आपको बता दें कि चक्रवात तूफान यास ने बुधवार को देश के पूर्वी तटों पर जमकर तबाही मचाई। भारी बारिश के साथ चक्रवात के दौरान 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये। इतना ही केरल में इस तूफान से चार लोगों की मौत हो गई। वहीं विशाखापट्टनम से ओडिश में इस चक्रवात से लोगों को बचाने के लिए भारतीय नौसेना मैदान में उतर गई है। जिसके बाद पश्चिमी बंगाल के दीघा, डायमंड हार्बर और फ्रांसेर्गंज नाम की तीन जगहों पर भारतीय नौ सेना की टीम को राहत कार्यों के लिए तैनात किया गया है। यहां भारतीय नौसेना के जवानों ने ग्रामीणों को तीन नावों पर भोजन और राशन की सप्लाई की है। इसके साथ ही यहां फंसे ग्रामीणों के बचाव के लिए टीम को नारायणपुर गांव में स्थानांतरित कर दिया गया।