सीबीआई ने नारद स्टिंग मामले को किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित करने की अपील की है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ममता, मोलॉय और कल्याण पर जांच में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए नारद स्टिंग मामले को दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने की अपील की है।
इससे पहले सीबीआई ने टीएमसी के चार नेताओं की 14 दिनों की न्यायिक रिमांड की अदालत से मांग की थी।
विशेष अदालत के न्यायाधीश अनुपम मुखर्जी ने सीबीआई और बचाव पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मिश्रा और पूर्व महापौर शोभन चटर्जी की जमानत मंजूर कर ली।
सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने मंत्री सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम, श्री मिश्रा और पूर्व महापौर शोभन चटर्जी चारों को नारदा स्टिंग आपरेशन मामले में गिरफ्तार किया था।
जांच एजेंसी चारों नेताओं के आवासों पर आज सुबह गयी थी और पूछताछ के लिए उन्हें कोलकाता में निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय लायी थी।
इन चारों नेताओं को भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7 और 13(1) (ए) 13(1) (बी) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड ने इन चारों नेताओं के विरुद्ध मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी।
इस बीच, पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष विमान बनर्जी ने कहा, ‘‘सीबीआई ने मुझे जानकारी नहीं दी। यदि वे गिरफ्तार किये गये हैं तो वह गैरकानूनी है। इसके लिए विधानसभा के अध्यक्ष से पूर्व अनुमति लेना होता है। यह अलोकतांत्रिक है।’’