देश में कोरोना वायरस के मामले कुछ कम जरूर हो गए हैं। लेकिन खतरा अभी पूरा है। इसी खतरे के बीच ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में अब तक ब्लैक फंगस (Black Fungus) के 7 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और तक 200 से अधिक लोगों को मौत हो गयी है। बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने गुरुवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से ब्लैक फंगस को महामारी रोग अधिनियम (Epidemic Diseases Act 1897) के तहत नोटिफाई करने को कहा है।
खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक, ओडिशा, तमिलनाडु, असम, पंजाब ने ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) को महामारी रोग अधिनियम के तहत अधिसूचित किया है। वहीं राजस्थान पहले ही ब्लैक फंगस को महामारी के तहत अधिसूचित कर चुका है। रिपोर्ट के अनुसार, देश मे अब तक ब्लैक फंगस के 7 हजार 250 मामले सामने आए हैं। इसका ज्यादा असर महाराष्ट्र में देखा जा रहा है और राज्य में सबसे अधिक मौतें हुईं हैं। गुजरात में 1163 मामले आए हैं और 63 मौतें हुई हैं। मध्य प्रदेश में 575 मामले आए हैं और 31 मौतें हुई हैं। अन्य राज्यों में भी इसके केस सामने आ रहे हैं।
दिल्ली एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने ब्लैक फंगस के संबंध में कहा कि म्यूकरमाइकोसिस के जीवाणु मिट्टी, हवा और यहां तक कि भोजन में भी पाए जाते हैं। लेकिन वे कम प्रभावी होते हैं और अमूमन संक्रमण नहीं फैलाते हैं। कोविड-19 के पहले इस संक्रमण के मामले कम होते थे। अब कोरोना के कारण इसके मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि स्टेरॉयड का बेपरवाही से इस्तेमाल करने को इस संक्रमण के पीछे का बड़ा कारण बताया था। इसके अलावा डॉ गुलेरिया ने अस्पतालों से संक्रमण को नियंत्रित करने वाले उपायों के प्रोटोकॉल को अपनाने की अपील की है।