भारत समेत दुनिया भर के कई देशों में कोरोना महामारी के बीच सऊदी अरब सरकार इस साल विदेशी तीर्थयात्रियों को हज करने की इजाजत देने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जब साल 2021 सीजन की हज यात्रा शुरू होगी, तो इस साल सभी लोग जा सकेंगे। लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए कई प्रोटोकॉल नियम लागू होंगे।
सऊदी गजट की एक रिपोर्ट बताती है कि इस साल सऊदी अरब में विदेशी तीर्थ यात्रियों की संख्या 60 हजार रखी गई है। दुनिया भर से 60 हजार से ज्यादा लोग हज यात्रा में शामिल नहीं होंगे। इसके साथ ही धार्मिक तीर्थ यात्रा 2021 सीजन में सभी देशों के लिए दरवाजे खुले होंगे। लेकिन कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा नियम बरतने की जरूरत होगी।
भारत में भी हज यात्रा करने के लिए हजी आ सकते हैं। सांप्रदायिक सद्भावना समिति में प्रधानमंत्री के विशेष प्रतिनिधि मौलाना ताहिर अशरफी ने जानकारी देते हुए बताएं कि सऊदी अरब सरकार इस साल हज के लिए दुनिया भर के 60, 000 लोगों को आने की इजाजत देगी। लेकिन वहीं दूसरी तरफ सरकार ने साफ तौर पर कोरोना को देखते हुए 18 साल से कम उम्र के लोगों और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की हज यात्रा पर रोक लगा दी है। अगर आप 18 से कम उम्र के हैं और 60 साल से ज्यादा उम्र के हैं तो आप हज यात्रा नहीं कर सकते हैं।
जानें हज का महत्व
अगर आपको इस्लाम धर्म की जानकारी न हो तो हम आपको बता दें कि कुरान में इस्लाम के पांच स्तंभ के बारे में बताया गया है। जिसमें शहादा, नमाज, दान, रोजा और हज यात्रा करना है। हज यात्रा सऊदी अरब के मक्का और मदीना में की जाती है। यह स्थान मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत ही पवित्र जगह है।
कहते हैं कि जीवन में एक बार हर मुसलमान को हज की यात्रा करनी चाहिए। लेकिन आपकी आर्थिक स्थिति ठीक हो। यह इस्लाम का जन्म स्थान कहा जाता है। मक्का एक ऐसा शहर है, जहां सबसे पहले नमाज अदा करने के लिए एक जगह बनाई गई थी। कहते हैं कि हज यात्रियों को मरवा और सफा नाम की दो पहाड़ियों के बीच कम से कम 7 चक्कर लगाने होते हैं। इन दो पहाड़ियों के बीच पैगंबर इब्राहिम की पत्नी ने अपने बेटे इस्माइल के लिए पानी तलाशा था। आज भी उसी जगह पर वहां से पानी निकलता है। मक्का से करीब 5 किलोमीटर दूर मिना में सारे हाजी एक होकर एक जगह पर शाम की नमाज अदा करते हैं। यह जगह नमाज अदा करने के लिए बहुत ही खास होती है।