जयपुर, मई 19। कोरोना से रिकवर हो रहे मरीजों के अंदर म्यूकर माइकोसिस यानि कि ब्लैक फंगस नाम की बीमारी का कहर देखने को मिल रहा है। देश के अलग-अलग राज्यों में इस बीमारी के केस सामने आ रहे हैं। बुधवार को तो राजस्थान सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया। आपको बता दें कि राजस्थान में ब्लैग फंगस के करीब 100 एक्टिव मरीज हैं, जिनका इलाज जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में चल रहा है। इन मरीजों के लिए अलग से एक वॉर्ड बनाया गया है।
जारी की गई आधिकारिक अधिसूचना
राजस्थान के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव अखिल अरोड़ा द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 के तहत राज्य में ब्लैग फंगल को एक महामारी घोषित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में इस बीमारी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, इसलिए कोविड-19 व ब्लैक फंगस का एकीकृत व समन्वित उपचार किए जाने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
ब्लैक फंगस के इलाज के 2500 शीशियों का दिया गया ऑर्डर
राजस्थान सरकार इस बीमारी के इलाज को लेकर भी चिंतित है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ दिन पहले राजस्थान सहित देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों में म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) बीमारी के मामले सामने आने को चिंता जताई थी। वहीं सोमवार को राज्य सरकार ने इस बीमारी के इलाज इस्तेमाल होने वाली दवा की 2500 शीशियां खरीदने का ऑर्डर भी दिया था।
ब्लैक फंगस के लक्षण
- डॉक्टरों का कहना है कि ब्लैक फंगस कैंसर की ही तरह चार स्टेज का होता है। ब्लैक फंगस का मरीज 15 दिन के अंदर ही इस बीमारी की आखिरी स्टेज में पहुंच जाता है, जहां इसका वायरस दिमाग तक पहुंच जाता है। आपको बता दें कि डायबिटिज से पीड़ित लोगों के अंदर इस बीमारी के होने का खतरा सबसे अधिक होता है। इस बीमारी का लक्षण यही है कि व्यक्ति बार-बार बेहोश होता है और मानसिक परेशानियां भी होती रहती हैं।