हरिद्वार कुंभ मेला गुरुवार से शुरू हो गया। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार कुंभ मेला 1 से 30 अप्रैल तक ही चलेगा। कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को 72 घंटे के अंदर कराई गई कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है।
इसके बिना हरिद्वार में प्रवेश की अनुमति नहीं है। हरिद्वार में कोरोना निगेटिव रिपोर्ट की जांच की जा रही है। निगेटिव रिपोर्ट के बिना आने वाले लोगों को हरिद्वार से वापस भेजा जा रहा है। कुंभ में दो अप्रैल शुक्रवार से अखाड़ों में धर्मध्वजा लगाई जाएगी। इसके साथ ही अखाड़ों की पेशवाई निकलेगी। अभी तक सात अखाड़ों की पेशवाई निकाली जा चुकी है, अभी छह और अखाड़े पेशवाई निकालेंगे। 12 अप्रैल और 14 अप्रैल को कुंभ में शाही स्नान होगा।
उत्तराखंड प्रशासन के मुताबिक कुंभ मेले के मद्देनजर हरिद्वार में गोविंद घाट विस्तारीकरण का कार्य करवाया है। इसके साथ ही हरिहरानंद घाट की समुचित सफाई और अन्य व्यवस्था को दुरूस्त कराया गया है। यहां अस्थाई महिला चेंजिंग रूम और दस सीटर मोबाइल शौचालय स्थापित किए गए हैं।
कुंभ मेला सीएमओ डॉ. एसके झा ने कहा कि हरिद्वार बॉर्डर और मेला क्षेत्र में कोरोना को देखते हुए रैंडम सैंपलिंग की जा रही है। अतिसंवेदनशील राज्यों से आने वाले लोगों के रैंडम सैंपल लिए जा रहे हैं।
हरिद्वार में कुंभ के अवसर पर उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए अस्थाई पुलों का निर्माण किया गया है। हरकी पैड़ी श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ रहती है, इसके चलते यहां क्राउड मैनेजमेंट के लिए विशेष प्रशिक्षित टीमें तैनात की गई हैं। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश स्वयं कुंभ से जुड़ी व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रहे हैं।
कुंभ को देखते हुए विशेष तौर पर बनाए गए 150 बेड के अस्पताल के आसपास साइनेज लगाए गए हैं। इसके अलावा वेंटीलेशन, डस्टबिन, सैनिटाइजर, पावर बैकअप की व्यवस्था अस्पताल में है। सतीघाट के दूसरे तरफ बने घाट पर पहले सफाई व्यवस्था में कमी पाई गई थी। अब इसे दुरुस्त किया गया है। घाट के बाहरी हिस्से पर जगह जगह पड़े पत्थरों को हटा दिया गया है।