कोरोनावायरस महामारी से राजधानी दिल्ली की स्थिति बेकाबू है। ऑक्सीजन की कमी की वजह से कई मरीज दम तोड़ चुके हैं। इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वो कोई समाधान निकालें।
शीर्ष अदालत ने कहा कि हमारे पास लोगों की कई कॉल आ रही हैं, यहां तक कि आप (सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता) से भी लोग कॉल करके बेड के लिए अनुरोध कर रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली में लोग पीड़ित है और कई लोग आक्सीजन की कमी से जान गंवा चुके, केंद्र इन समस्याओं का समाधान करे।
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र से पूछा कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को उससे अधिक ऑक्सीजन क्यों दी गई, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के अनुरोध के बाद भी जितनी मांगी है उससे कम ऑक्सीजन दिल्ली को मिल रही है।
इस सवाल को दिल्ली सरकार ने जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की खंडपीठ के समक्ष रखा था, जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार को या तो इसके लिए कुछ औचित्य दिखाना होगा या अभी संशोधन करना होगा कि स्थिति को इसके ध्यान में लाया गया है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार अदालत के सवाल का जवाब देगी और मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को अधिक ऑक्सीजन देने के लिए कारण बताएगी। दिल्ली सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने अदालत के सामने कई राज्यों द्वारा ऑक्सीजन की मांग और उन्हें किए गए आवंटन की एक सूची रखी और कहा कि केवल दिल्ली को ये नहीं दिया जा रहा। जबकि अन्य राज्य जो पूछ रहे थे उससे अधिक या उसके करीब उन्हें दिया गया।
राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो रही है। यहां कोरोना के सक्रिय मामलों में 5,160 की वृद्धि होने से इनकी संख्या एक लाख से पार 1,03,424 तक पहुंच गयी है। यहां 368 और लोगों की मौत होने से अब तक 1,15,377 लोगों की इस महामारी से मौत हुई हैं जबकि 9,79,250 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं।