नई दिल्ली, 29 अप्रैल। दिल्ली में इस समय कोरोना अपने चरम पर है और अपना रौद्र रूप दिखा रहा है। हर रोज कोरोना के हजारों केस सामने आ रहे हैं, जबकि श्मशान घाटों में लाशों के ढेर लगे हुए हैं। इन्हीं सब के बीच दिल्ली में कोरोना वायरस के वास्तविक आंकड़ों और सरकार द्वारा जारी किये जा रहे आंकड़ों में एक बड़ा अंतर सामने आया है। दिल्ली में 27 अप्रैल को 15,009 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 28 अप्रैल को दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए बुलेटिन में मौतों का आंकड़ा मात्र 14,616 बताया गया, जोकि मरने वालों की वास्तविक संख्या से काफी कम है।
गुरुवार को दिल्ली सरकार ने पिछले साल कोरोना महामारी के शुरू होने से अब तक का बुलेटिन जारी किया जिसमें व्यापक विसंगतियां पाई गईं। एक दिन पहले जारी किए गए बुलेटिन की तुलना में कोविड के कुल मामले, रिकवरी, और मौतों से संबंधित संचयी आंकडे़ अपेक्षाकृत कम थे।
मध्य रात्रि को जारी किए गए बुलेटिन में नए मामलों की संख्या 25,986, मौतों की संख्या 368 और कोरोना से रिकवरी की संख्या 81,829 जबकि सकारात्मकता दर 31.76% बताई गई। ये आंकड़े वास्तविक संख्या से काफी कम थे और इन गलत आंकड़ों के बारे में दिल्ली सरकार से कोई सवाल नहीं किया गया।
इसके अतिरिक्त 27 अप्रैल को दिल्ली में कोरोना से वास्तविक मौते 15,009 हुई थीं, जबकि 28 अप्रैल को दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए बुलेटिन में मौतों की संख्या 14,616 बताई गई।
उसी प्रकार 27 अप्रैल को कोरोना से 9,58,792 लोग ठीक हुए जबकि सरकार द्वारा जारी बुलेटिन में यह आंकड़ा 9,30,333 बताया गया। वहीं, 27 अप्रैल को 10,72,065 पॉजिटिव मामले सामने आए जबकि 28 अप्रैल को जारी बुलेटिन में इसकी संख्या 10,53,701 बताई गई।