दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि उसे आशा है कि राजस्थान सरकार कोविड-19 के मरीजों के लिए दूसरे राज्यों में चिकित्सकीय ऑक्सीजन ले जा रहे क्रायोजेनिक टैंकरों को नहीं रोकने के आदेश का सम्मान करेगी।
अदालत ने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति में किसी भी तरह की बाधा से हजारों मानव जीवन खतरें में पड़ जायेंगे।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने ऑक्सीजन संकट पर करीब साढ़े तीन घंटे चली सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसे व्यवधान पैदा करने से कोई उद्देश्य हासिल नहीं होगा।
पीठ ने कहा, ‘‘हमें आशा और उम्मीद है कि राजस्थान सरकार कोविड-19 के मरीजों के लिए दूसरे राज्यों में चिकित्सकीय ऑक्सीजन ले जा रहे टैंकरों को नहीं रोकने के केंद्र सरकार और अदालत के आदेश का सम्मान करेगी। संकट की इस घड़ी में ऑक्सीजन आपूर्ति में किसी भी तरह की बाधा से हजारों मानव जीवन खतरें में पड़ जायेंगे और कोई उद्देश्य हासिल नहीं होगा।
पीठ ने कहा कि ऑक्सीजन टैंकरों को रोकने से खतरनाक स्थिति पैदा होगी।
उच्च न्यायालय ने ऑक्सीजन सिलेंडर भरने वाले पक्षों को सिलेंडर की गैर उपलब्धता और कालाबाजारी की शिकायत पर मंगलवार को सुनवाई में उपस्थित रहने के लिए कहा।
अदालत ने सुनवाई के दौरान मौजूद दिल्ली के मुख्य सचिव को ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं, सिलेंडर भरने वालों और अस्पतालों के साथ बैठक कर वितरण योजना तैयार करने को कहा।