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अजय राय के आरोप को केशव मौर्य ने किया सिरे से खारिज, कह डाली ये बड़ी बात

 


.वाराणसी: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर मुख्तार अंसारी को पर्दे के पीछे से मदद देने के कांग्रेसी नेता अजय राय के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उनकी सरकार किसी भी अपराधी को मदद नहीं करती है और न कभी करेगी। मौर्य ने शुक्रवार को संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अपराधियों की जगह जेल में हैं। इस दिशा में योगी के नेतृत्व में बेहतर काम हो रहा है।

इससे पहले अजय राय ने सवाल किया था कि मुख्तार अंसारी द्वारा प्रयोग की जा रही एम्बुलेंस गोरखपुर की भाजपा नेता डॉ. अलका राय के हॉस्पिटल के नाम से दर्ज है। आखि़र यह कैसे सम्भव हुआ। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सूबे की योगी सरकार एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर्दे के पीछे से मुख्तार अंसारी को मदद कर रही है, जिससे स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार की मंशा साफ नहीं है। पांच बार विधायक रहे राय ने कहा कि देश और प्रदेश में भाजपा की सरकार है, फिर भी स्व. कृष्णानन्द राय के हत्यारों को कैसे जमानत मिली जनता जानना चाहती है कि आखि़र मुख्तार से भाजपा के नेताओं का क्या रिश्ता है।

राय ने कहा कि आज जब राज्य सरकार 'बैकफुट' पर आई है तब जाकर प्रदेश सरकार ने डॉ. अलका राय के खि़लाफ मुकदमा दर्ज किया है, ताकि वह खुद को बचाने के लिए लीपापोती कर सके। अब देखना यह है कि इस मुकदमे का हश्र क्या होता है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जिस एम्बुलेंस का प्रयोग मुख्तार के लिए करने की बात सामने आई है, वह पूर्ण रुप से बुलेटप्रुफ है। आखि़र, यह बिना सरकार की मिलीभगत के कैसे सम्भव है। हम कांग्रेस के लोग इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं, ताकि पूरे मामले की सत्यता प्रमाणित की जा सके।

राय ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है कि एक दिन सच अवश्य की जीत होगी। अपनी पुलिस सुरक्षा हटाने को एक साजिश करार देते हुए कहा कि मैंने न्यायालय से अपनी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की थी। अतिरिक्त सुरक्षा की बात तो छोड़ दीजिए प्रदेश सरकार ने जो सुरक्षा 10 प्रतिशत खर्च थी, उसे भी योगी सरकार ने छीन लिया है। उन्होंने कहा कि मैं मुख्तार अंसारी के खि़लाफ अपने दिवंगत भाई अवधेश राय की हत्या का चश्मदीद गवाह हूं, पर मेरी सुरक्षा किस तरह हटाई गई, यह सर्व विदित है कि बार-बार सुरक्षा की गुहार के बाद भी उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं की जा रही है।