ओलम्पिक कोटा हासिल कर चुके महाबली सतपाल के शिष्य रवि कुमार ने कजाकिस्तान के अल्माटी में सीनियर एशियाई कुश्ती प्रतियोगिता में अपना दबदबा साबित करते हुए 57 किग्रा वर्ग में शनिवार को स्वर्ण पदक जीत लिया जबकि ओलम्पिक कोटा हासिल कर चुके बजरंग ने 65 किग्रा में रजत पदक हासिल किया। भारत को इसके अलावा प्रतियोगिता में तीन कांस्य पदक करण 70 किग्रा, नरसिंह यादव 79 किग्रा और सत्यव्रत कादियान 97 किग्रा ने दिलाये। भारत के पांच पहलवान अपने अपने मुकाबलों में उतरे और पांचों पहलवानों ने पदक जीते।
रवि दहिया ने 57 किलोग्राम भारवर्ग में अपना खिताब बचाए रखा। उन्होंने फाइनल में ईरान के अलीरेजा नोसरातोलाह सरलॉक को 9-4 से हरा अपने भारवर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया, वहीं भारत के स्टार पुरुष खिलाड़ी बजरंग पूनिया चोट के कारण फाइनल नहीं खेल पाए और इसलिए उनके विपक्षी को विजेता घोषित कर दिया गया। इसी कारण बजंरग को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
एक वर्ष बाद वापसी करने वाले रवि दहिया ने ठोस प्रदर्शन किया। उन्होंने पहले दौर में उज्बेकिस्तान के नोदिरजोन सफरोव को 9-2 से हराया। इसके बाद उन्होंने फलस्तीन के अली एम एम अबुयमैला को 11-0 से हराकर फाइनल में जगह बनाई। बजरंग पूनिया को खास प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं करना पड़ा। बजरंग को 65 किलोग्राम भारवर्ग के शुरुआती मुकाबले में कोरिया के योंगसियोग जियोंग पर जीत दर्ज करने में कोई परेशानी नहीं हुई।
इसके बाद उन्होंने मंगोलिया के बिलगुन सरमानदाख को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। उनका सामना फाइनल में जापान के अपने चिर प्रतिद्वंद्वी ताकुतो ओटोगुरो से होना था लेकिन चोट के कारण बजंरग यह मैच नहीं खेल सके। महाबली सतपाल ने रवि के प्रदर्शन पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि यह पहलवान टोक्यो ओलम्पिक में पदक जीत सकता है।
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