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आईसीएमआर और एम्स के डाॅक्टरों ने कहा, 40 साल से ज्यादा उम्र वालों को इसलिए घातक है दूसरी लहर




दिल्ली। कोरोना की विभीषिका से जहां दुनिया परेशान है, वहीं कोरोना योद्धा के रूप में लड़ रहे डाॅक्टर लोगों हमेशा सतर्क रहने, दिनचर्या नियंत्रित रखने की सलाह दे रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव और एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को पत्र वार्ता की। पत्र वार्ता में कोरोना वायरस की दूसरी लहर, उसके लक्षण, वैक्सीन के बारे में तमाम जानकारियां दीं।

खतरनाक है डबल म्यूटेंट और इसके लक्षण
डॉ. भार्गव ने कहा कि भारत में कोरोना का डबल म्यूटेंट वैरिएंट मिला है। वह ज्यादा संक्रामक नहीं है। वर्तमान लक्षणों को देखते हैं तो वे ज्यादा गंभीर नहीं हैं। कोरोना की दूसरी लहर में सांस फूलने के मामले सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं। इसके अलावा सूखी खांसी, जोड़ों में दर्द और सिरदर्द आदि लक्षण भी हैं। मरीज को आक्सीजन के कमी के ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं। आईसीएमआर के महानिदेशक ने कहा कि कोरोना की दोनों लहर में सामने आए मामलों पर नजर डालें तो 40 साल से ज्यादा उम्र के लोग अधिक संक्रमित हुए हैं।

पहला कोराना लहर ओर दूसरी कोराना लहर के बारे में उन्होंने कहा कि दोनों ही लहर के आंकड़ों में कोई अंतर नहीं है। दोनों ही लहर में 70 फीसदी से ज्यादा मरीज 40 साल से ज्यादा उम्र के मिले। डॉ. गुलेरिया ने बताया कि रेमडेसिविर सिर्फ इमरजेंसी ड्रग के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। लोगों को यह समझने की जरूरत है कि यह दवा मृत्यु दर कम नहीं करती है। इसे सिर्फ अस्पताल में भर्ती लोगों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। रेमडेसिविर भर्ती मरीज के उपयोग के लिए है।