देशभर में बढ़ती कोरोना की रफ्तार में महाराष्ट्र का योगदान 50 फीसदी से भी ज्यादा है। तमाम पाबंदियों के बावजूद यहां हर दिन रिकॉर्ड नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं और अगर यूं ही चलता रहा तो एक अनुमान के मुताबिक, 30 अप्रैल तक अकेले महाराष्ट्र में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 11 लाख को पार कर जाएगी। केंद्र सरकार ने बुधवार को महाराष्ट्र पर मंडरा रहे इस भयानक खतरे से अवगत कराया है।
यह आंकड़ा इसलिए हैरान करने वाला है क्योंकि कोरोना की पहली लहर जब अपने चरम पर थी, तो पूरे देश में सक्रिय मामलों की संख्या 11 लाख थी और अगर अब महाराष्ट्र ने पाबंदियों का सख्ती से पालन नहीं किया तो वह अकेले इतने मरीज वाला राज्य बन जाएगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, राज्य के अस्तालों में अभी से ही बिस्तरों की कमी पड़ रही है और ऑक्सीजन आपूर्ति भी घट सकती है। राज्य में अभी मौजूद 5 लाख ऐक्टिव केसों में से सिर्फ 40 प्रतिशत ही अस्पताल में भर्ती है, लेकिन 80 फीसदी आइसोलेशन बेड भर चुके हैं।
आपूर्ति से ज्यादा हो सकती है ऑक्सीजन की मांग
महाराष्ट्र में 61 प्रतिशत से ज्यादा आईसीयू बेड भरे हुए हैं, वहीं कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध 9 हजार वेंटिलेटर बेड में से 34 प्रतिशत पर मरीज हैं। नागपुर, औरंगाबाद, जलगांव, लातुर और यावतमल जैसे जिलों में 90 से 100 प्रतिशत बेड भर गए हैं।
बता दें कि बुधवार को भी महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के करीब 60 हजार नए मामले आए थे। महामारी की शुरुआत के बाद से अब तक की यह सबसे बड़ी उछाल है।